विधानसभा सत्र : आरईएस और पीएमजीएसवाय की जिम्मेदारी है, पर काम सप्लाई का, राज्य अधिकारी करेंगे घोटाले की जांच

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने आरईएस विभाग पर लगाए गड़बड़ी का आरोप, कृषि मंत्री ने कहा जांच कराएंगे।

विधानसभा सत्र : आरईएस और पीएमजीएसवाय की जिम्मेदारी है, पर काम सप्लाई का, राज्य अधिकारी करेंगे घोटाले की जांच


रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को सत्र के दौरान भ्रष्टाचार के मुद्दे को लेकर अच्छा-खासा हंगामा हुआ। प्रश्नकाल में ग्रामीणी यांत्रिकी विभाग (आरईएस) में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया गया। पीसीसी चीफ मोहन मरकाम के सवाल के जवाब में कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने राज्य स्तरीय कमेटी के साथ मामले की जांच कराने का आदेश दिया।

मामले के अनुसार कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने डीएमएफ की राशि में बंदरबांट का मुद्दा उठाया। उसके बाद मंत्री ने ये भी कहा जो भी दोषी होंगे उन पर कार्रवाई की जाएगी।

60 करोड़ की गड़बड़ी का आरोप
मामले में प्रश्नकाल के दौरान मरकाम ने कोंडागांव में ग्रामीण यांत्रिकी सेवा (आरईएस) में 3 साल के काम के संबंध में सवाल किया। उन्होंने कहा कि एक ही कार्यपालन यंत्री के पास आरईएस और पीएमजीएसवाय की जिम्मेदारी है। कैसे मिला सप्लाई का काम। मरकाम ने पूछा कि आरईएस निर्माण एजेंसी है, फिर सप्लाई का काम कैसे दिया गया?

दो निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती- मंत्री चौबे
इस पर मंत्री चौबे ने बताया कि दो निर्माण एजेंसी नहीं हो सकती, इसलिए आरईएस को ही नोडल एजेंसी बनाकर निर्माण और सप्लाई दोनों की जिम्मेदारी दी गई है। मरकाम ने बंदरबांट का आरोप लगाया और सदन की समिति से जांच कराने की मांग की।

ये सवाल भी किए
इस मामले में मोहन मरकाम ने करोड़ों के घालमेल का आरोप लगाया। मोहन मरकाम ने आरोप लगाया कि एक ही व्यक्ति को सारी जिम्मेदारी क्यों दी जा रही है। मोहन मरकाम ने कहा कि एक अधिकारी को कितना प्रभार दिया गया है।

राज्य स्तर के अधिकारी जांच करेंगे
इन सवालों पर मंत्री चौबे ने कहा कि मामला गंभीर है। जो कार्य हुए हैं, उसकी जानकारी दे दी गई है। मंत्री ने बताया कि अरूण कुमार शर्मा ईई हैं और उनके पास आरईएस और पीएमजीएसवाय का प्रभार है। मंत्री ने बताया कि वे राज्य स्तर के अधिकारी से जांच कराएंगे।

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