किसानों की आय बढ़ाने व उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए Brijmohan Aggarwal निरंतर प्रयासरतय..
सांसद बृजमोहन अग्रवाल नई दिल्ली में आयोजित प्राक्कलन समिति की बैठक में शामिल हुए।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल (Brijmohan Aggarwal) निरंतर प्रयासरत हैं। इसी सिलसिले में उन्होंने गुरुवार को नई दिल्ली (New Delhi) में आयोजित प्राक्कलन समिति की बैठक में छत्तीसगढ़ में नए कृषि विज्ञान केंद्र खोलने और वन क्षेत्रों में जैविक एवं प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने का मुद्दा उठाया। इस बैठक में "कृषि विज्ञान केंद्रों (केवीके) के माध्यम से जलवायु अनुकूल खेती, प्राकृतिक और जैविक कृषि को प्रोत्साहन" जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई और आगामी कार्य योजनाएं तय की गईं। बैठक का उद्देश्य स्थायी कृषि विकास को मजबूत करना था, जिससे किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के प्रति जागरूक कर उनकी आजीविका को सुरक्षित किया जा सके।
केंद्र सरकार वर्ष 2015-16 से जैविक खेती को प्राथमिकता देते हुए इसे बढ़ावा देने का कार्य कर रही है। इसके तहत, पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर देश के सभी राज्यों में परम्परागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए जैविक मूल्य श्रृंखला विकास मिशन (एमओवीसीडीएनईआर) जैसी योजनाएं चलाई जा रही हैं। इन योजनाओं को राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जाता है। पीकेवीवाई योजना को 20 हेक्टेयर या उससे बड़े क्लस्टर मॉडल में संचालित किया जाता है, और राज्यों को जैविक फसलों के विपणन की सुविधा के लिए मैदानी क्षेत्रों में 1000 हेक्टेयर और पहाड़ी क्षेत्रों में 500 हेक्टेयर के क्लस्टर में काम करने को कहा गया है। सभी किसान इसके पात्र हैं, लेकिन एक समूह के भीतर एक किसान अधिकतम 2 हेक्टेयर तक का लाभ ले सकता है।