tax संबंधी नियमों में हुआ बदलाव, bonds पर tds बढ़ा, जानें नियम..

बता दें 1 अक्टूबर यानी आज से टैक्स संबंधी कुछ नियमों में भी बदलाव किया गया हैं। बता दें मिलने वाले ब्याज में 10 प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा जाएगा।

tax संबंधी नियमों में हुआ बदलाव, bonds पर tds बढ़ा, जानें नियम..
tax संबंधी नियमों में हुआ बदलाव, bonds पर tds बढ़ा, जानें नियम..

रायपुर, जनजागरूकता। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य की राजधानी रायपुर (Raipur) के अक्टूबर का महीना शुरू होते ही टैक्स संबंधी कुछ नियमों में भी बदलाव किया गे हैं। 1 अक्टूबर यानी आज से स्वास्थ्य बीमा, खुदरा लोन, शेयर बायबैक, बोनस शेयर समेत कई प्रकार के वित्तीय नियमों में बदलाव होने जा रहा है, जिनका आपके जीवन पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। बता दें नियमों में हुए बदलाव के तहत अब फ्लोटिंग रेट बांड सहित केंद्रीय व राज्य के बांड पर भी मिलने वाले ब्याज में 10 प्रतिशत टीडीएस (टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स) काटा जाएगा। 

आयकर बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष चेतन तारवानी बताया कि, करदाताओं को इन नियमों की जानकारी होना आवश्यक है। इस महीने से टैक्स संबंधी नियमों में बदलाव किया गया है। साथ ही अब शेयर निवेशकों को अपने किसी भी कैपिटन गेन का हिसाब रखना होगा।

घर किराया वालों को थोड़ी राहत-

टीडीएस के नियमों के तहत 50,000 रुपये से ज्यादा का घर किराया देने वालों को अब पांच प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत टीडीएस देना होगा। यह कम टीडीएस ज्यादा किराया देने वालों के लिए राहत भरा है।

शेयरहोल्डर टैक्स लगेगा-

शेयरों के बायबैक पर अब डिविडेंड पर शेयर होल्डर लेवल टैक्स लगाया जाएगा। अब निवेशकों को अपने हर कैपिटल गेन का हिसाब भी रखना होगा। साथ ही शेयरों की अधिग्रहण लागत को टैक्स केलकुलेशन में शामिल करना होगा। इससे बायबैक का विकल्प चुनने वालों पर टैक्स का बोझ बढ़ जाएगा,क्योंकि कैपिटल गेन पर सीधे कर लगेगा।

इंश्योरेंस पालिसी मिली राहत-

लाइफ इंश्योरेंस पालिसी होल्डर को उनके भुगतान में टीडीएस की कमी का फायदा मिलेगा। टीडीएस पांच प्रतिशत से घटाकर दो प्रतिशत कर दिया गया है। यह नियम सभी लाइफ इंश्योरेंस पालिसी भुगतान पर लागू होगा और इसका फायदा मिलेगा।

आयकर विभाग द्वारा अभियान शुरू-

आयकर विभाग ने एक अक्टूबर से देशभर में विवाद से विश्वास 2.0 स्कीम शुरू किया है। इसमें ऐसे करदाताओं को फायदा होगा, जिनका मामला वर्षों से अदालतों में लंबित पड़े है। इस स्कीम का फायदा लेकर करदाता अपना टैक्स भी बचा सकते है।

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