वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन चिंताजनकः डॉ. चरणदास महंत

हैलिफैक्स (कनाडा) में आयोजित 65वें राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत की भागीदारी।

वैश्विक स्तर पर जलवायु परिवर्तन चिंताजनकः डॉ. चरणदास महंत
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत।

हैलिफैक्स (कनाडा) में हो रहा है 65वां राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन
रायपुर जनजागरूकता। हैलिफैक्स (कनाडा) में आयोजित 65वें राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन में विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने ‘जलवायु अपातकाल संसदीय संस्थाओं की जवाबदेही’ विषय पर आयोजित एक कार्यशाला में अपना व्याख्यान प्रस्तुत किए। यह सम्मेलन 20 से 26 अगस्त, 2022 तक आयोजित है। 

सम्मेलन की शुरूआत 23 अगस्त, 2022 को हैलिफैक्स (कनाडा) के कन्वेशन सेंटर में हुई। सम्मेलन में विधानसभा सचिव दिनेश शर्मा भी सम्मिलित हुए हैं।

राष्ट्रकुल संसदीय सम्मेलन में अपना व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि वैश्विक स्तर पर वर्तमान में जलवायु परिवर्तन की जो स्थितियां निर्मित हुई हैं वह अत्यंत चिंताजनक है। जिन देशों में लोकतांत्रिक व्यवस्था है वहां संसद का यह दायित्व बनता है एवं प्रकृति संरक्षण के लिए व्यापक कारगर प्रबंध करें। 

विधायी निकायों को भी प्रकृति/जलवायु संरक्षण को ध्यान रखते हुए ऐसे नियमों का सृजन करना चाहिए। डॉ. महंत ने कहा कि प्रकृति और प्राणियों के बीच आदर्श संतुलन में ही मानव जीवन का अस्तित्व निर्भर करता है। वनों का घटता हुआ क्षेत्रफल भविष्य में एक बड़ी त्रासदी को जन्म दे सकता है, इसलिए यह आवश्यक है कि वृक्षों के संरक्षण के लिए संसदीय निकायों के माध्यम से कठोर नियम बनाएं जाएं।

डॉ. महंत ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से वनस्पति और जीव जगत दोनों ही प्रभावित है। औद्यौगिकीकरण के बढ़ते प्रभाव से जिस तेज गति से भूमि का खनन कार्य चल रहा है उससे भूमि की आंतरिक संरचना में परिवर्तन आ रहा है। फसल की पैदावार के लिए किसानों द्वारा उपयोग की जाने वाली कीटनाशक भूमि की उर्वरता को कम कर रहा है। यह अच्छा संकेत नहीं है।