कॉ. शंकर गुहा नियोगी का मनाया गया 32वां शहादत दिवस

रैली के बाद हुई सभा, कामरेड नेताओं ने सरकार की नीतियों को जन विरोधी बताया।

कॉ. शंकर गुहा नियोगी का मनाया गया 32वां शहादत दिवस

बालोद/दल्ली राजहरा, जनजागरुकता। श्रमिक नेता शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी का 32वां शहादत दिवस दल्ली राजहरा में विभिन्न घटक संगठनों के साथ मिलकर मजदूर-किसान एकता संकल्प दिवस के रुप में भव्य तरीके से मनाया गया। इस दौरान  पूरे शहर को लाल-हरा झंडे, तोरण, फ्लेक्स पोस्टऱ से सजाया गया था।

शहादत दिवस के पूर्व संध्या मशाल जुलूस रैली निकाली गई

32वी शहादत दिवस के पूर्व संध्या में शंकर गुहा नियोगी के सम्मान में 27 सितम्बर को शाम 6 बजे छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा कार्यालय से नगर भ्रमण करते हुए मशाल जुलूस रैली निकाली गई। इस रैली में लाल हरा परिवार के साथियों के द्वारा सलामी देते हुए उनको याद किया गया।

शहीद स्मारक स्थल में शहीद नियोगी की दी गई श्रद्धांजलि

28 सितंबर शहादत दिवस के दिन छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा व छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ द्वारा सुबह 3:45 बजे शहीद स्मारक स्थल में शहीद नियोगी जी को पुष्प गुच्छ व मशाल जला कर श्रद्धांजलि अर्पित किया गया। इस दौरान 1977 के गोलीकांड में शहीद हुए समस्त शहीद साथियों को श्रद्धांजलि दी गई। 

जैन भवन चौक में हुई सभा, बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए  

इस बीच छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष व पूर्व विधायक कामरेड जनक लाल ठाकुर, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ अध्यक्ष कामरेड सोमनाथ उईके, बेरोजगार युवा संघ छ.ग. माइंस श्रमिक संघ कामरेड योगेश यादव, राजनांदगांव अध्यक्ष कॉम्रेड भीमराव बागड़े, जामुल भिलाई अध्यक्ष कॉमरेड कलादास डहरिया, भारतीय किसान संघ के डॉ. सुनिलम  के नेतृत्व में बस्तर के प्रसिद्ध मांदरी नृत्य दल के साथ छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा आफिस से छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ एवं लाल हरा परिवार ने भव्य रैली निकाली। बाद में यह रैली जैन भवन चौक में सभा के रुप में परिवर्तित हो गया।

कामरेड नेताओं ने केन्द्र व राज्य सरकार की जन विरोधी नीतियों को कोसा 

सभा स्थल में सभा शुरूवात क्रांतिकारी जन गीतों से से हुई। सभा को अनेक कामरेड नेताओं ने संबोधित करते हुए कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार की जन विरोधी, कार्पोरेट परस्त नीतियों पर जमकर प्रहार करते हुए कहा की दोनों ही सरकारें आम जनता के जल-जंगल-जमीन को उद्योगपतियों के हाथों सौंपने के लिए कानूनों में बदलाव कर रहीं है। जनता को गुमराह करने के लिए एक- दूसरे पर आरोप लगा रही है लेकिन वास्तविकता यही है की दोनों ही सरकारें उद्योगपतियों की जी हुजूरी में लगी हुई है। जो कोई भी सरकारों के कार्पोरेट परस्त नीतियों का विरोध कर रहा है, जल-जंगल-जमीन की लूट का विरोध कर रहा है, उनके ऊपर अपने बनाएं हुए काले कानूनों के सहारे दमन चक्र चला कर खामोश करने का प्रयास किया जा रहा है। इस दौरान बड़ी संख्या में शंकर गुहा नियोगी समर्थक और छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के कार्यकर्ता मौजूद थे।

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