Health: ज्यादा पानी पीने से हो सकता हैं वाटर पॉइजनिंग, जानें क्या हैं वाटर पॉइजनिंग?
एक्सपर्ट कहते है कि, जरूरत से ज्यादा पानी पीना भी हमारे शरीर के लिए हानिकारक हैं। आपको बता दे अगर आप कम समय में बहुत अधिक मात्रा में पानी पी लेते हैं तो इसके कारण स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ता है, जिसे वाटर पॉइजनिंग कहते हैं। जानें क्या हैं वाटर पॉइजनिंग?
जनजागरुकता, हेल्थ डेस्क। फूड पॉइजनिंग और इसके कारण होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में तो आपने जरूर सुना होगा। क्या आप वाटर पॉइजनिंग के बारे में जानते हैं?
क्या है वाटर पॉइजनिंग की समस्या?
हमारे शरीर को ठीक तरीके से काम करने के लिए पानी की जरूरत होती है, लेकिन अगर आप कम समय में बहुत अधिक मात्रा में पानी पी लेते हैं तो इसके कारण स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है। ज्यादा पानी पीने के कारण शरीर का इलेक्ट्रोलाइट संतुलन बिगड़ने लगता है। वाटर पॉइजनिंग को वाटर इंटॉक्सिनेशन के नाम से भी जाना जाता है। बहुत अधिक पानी पीने के कारण मस्तिष्क और किडनी के सामान्य कार्यों में बाधा आ सकती है।
ज्यादा पानी पी लेने के कारण रक्त में इलेक्ट्रोलाइट्स, विशेष रूप से सोडियम की मात्रा कम हो जाती है। इस स्थिति को हाइपोनेट्रेमिया कहते हैं। अगर समय पर इसका निदान और इलाज न हो पाए तो जानलेवा समस्याओं का भी खतरा हो सकता है।
क्या हो सकते हैं इसके दुष्प्रभाव
जब कोई व्यक्ति कम समय में बहुत ज्यादा पानी पीता है और उसके मस्तिष्क की कोशिकाएं फूलने लगती हैं और खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ जाता है। इससे कारण सिरदर्द, मतली-उल्टी जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। समय पर इसका निदान न हो पाए तो लक्षण बिगड़ने लगते हैं जिसके कारण मांसपेशियों में कमजोरी या ऐंठन, रक्तचाप बढ़ने, दृष्टि और भ्रम की समस्या होने, सांस लेने में कठिनाई का खतरा रहता है। गंभीर मामलों में दौरे पड़ने, ब्रेन डैमेज, कोमा और यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
आपको कितना पानी चाहिए?
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार, इस बारे में कोई आधिकारिक दिशा-निर्देश नहीं हैं। शरीर के वजन, शारीरिक गतिविधि, जलवायु और स्तनपान कराने जैसे कारकों के आधार पर रोजाना पानी पीने की मात्रा अलग-अलग हो सकती है।
आमतौर पर वयस्कों के लिए प्रतिदिन 3-4 लीटर पानी पीना पर्याप्त माना जाता है। साल 2013 के एक अध्ययन के अनुसार, हमारी किडनी एक दिन में लगभग 20-28 लीटर पानी निकाल सकती है, लेकिन प्रति घंटे 0.8 से 1.0 लीटर से अधिक नहीं। इससे अधिक मात्रा में पानी पीने से बचा जाना चाहिए।