फ्री ट्रेनिंग का झांसा देकर वसूल ली मोटी फीस, कोर्ट के आदेश पर भिलाई के इंस्टीट्यूट पर एफआईआर दर्ज
प्रार्थी ने पहले एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट की शरण में गया।
भिलाई, जनजागरुकता। शहर में संचालित एक इंस्टीट्यूट के खिलाफ वैशाली नगर पुलिस ने धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है। इंस्टीट्यूट के खिलाफ आरोप है कि इनके संचालकों द्वारा फ्री ट्रेनिंग का झांसा दिया और आवेदन करने वाले से मोटी रकम भी वसूली। यही नहीं ट्रेनिंग पूरी होने के बाद मान्यता प्राप्त संस्था की डिग्री भी नहीं दी। इस संबंध में कोर्ट के आदेश पर इंस्टीट्यूट के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया।
मिली जानकारी के अनुसार प्राथी अन्नपूर्णा मार्केट, प्रगति नगर, केम्प-1 निवासी दुर्गेश कुमार शर्मा ने इस संबंध में शिकायत की थी। इन्होंने सुपेला स्थित फायर एण्ड सेफ्टी डिजास्टर मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर राहुल सोनी व आदर्श शिक्षा समिति पदाधिकारी एवं सदस्य इंदिरा गांधी स्कूल, रामनगर राजेन्द्र चौक सुपेला भिलाई के विरूद्ध अपील दायर की थी।
अपील के बाद लोकेश पटेल न्यायिक मजिस्टेट प्रथम श्रेणी द्वारा एफआईआर दर्ज करने आदेशित किया गया था। न्यायालय के आदेश पर उक्त सभी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज किया गया है।
यह है पूरा मामला
शिकायतकर्ता दुर्गेश शर्मा ने अपनी शिकायत में बताया कि फायर एण्ड सेफ्टी डिजास्टर मैनेजमेंट इन्सटीट्यूट के डायरेक्टर राहुल सोनी ने अपनी संस्था को एफएसडीएमआई एण्ड आर्थो राइड्स ट्रेनिंग प्रोव्हाइडर भारत सरकार की संस्था बताया था। संस्था में विभिन्न प्रकार के कोर्स नि:शुल्क कराए जाने का प्रचार-प्रसार किया। इनका विज्ञापन देखकर दुर्गेश शर्मा ने अपनी जाति प्रमाण पत्र के साथ यहां ट्रेनिंग के लिए आवेदन दिया था।
फ्री ट्रेनिंग के नाम पर पूरी फीस ली
आवेदन करने पर राहुल सोनी व संस्था के अन्य लोगों ने फीस भी ली और पावती भी दी। इस संबंध में पूछने पर संस्था के डायरेक्टर ने फ्री ट्रेनिंग की बात कहकर वे लोगों को लुभाने का काम करते हैं। इसके बाद संस्था ने फीस के रूप में अलग-अलग समय लगभग 29500 रुपए जमा कराए और रसीद 24500 रुपए का दिए। शेष 5000 रुपए का कोई रसीद नहीं दिया गया।
एसपी ऑफिस में सुनवाई नहीं हुई तो कोर्ट गया
ट्रेनिंग पूरी होने के बाद बीएसएस चेन्नई का मूल प्रशिक्षण प्रमाण पत्र देने के के बजाए ऐसा प्रमाण पत्र दिया गया जिसमें किसी प्राधिकृत अधिकारी का सील व संस्था का क्रमांक अंकित नहीं है। इस तरह संस्था द्वारा नकली प्रमाण पत्र देने का प्रयास किया गया। इस संबंध में प्रार्थी ने पहले एसपी ऑफिस में शिकायत दर्ज कराई लेकिन कोई सुनवाई नहीं होने पर कोर्ट की शरण में गया। कोर्ट के आदेश के बाद संस्था व उसके डायरेक्टर के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया है।
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