फीफा वर्ल्डकप : गंभीर बीमारी को मात देने वाले लियोनल मेसी ने 3 दशक बाद Argentina को दिलाया वर्ल्डकप

कतर में विश्व कप के फाइनल में अर्जेंटीना ने फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया।

फीफा वर्ल्डकप : गंभीर बीमारी को मात देने वाले लियोनल मेसी ने 3 दशक बाद Argentina को दिलाया वर्ल्डकप

दोहा(कतर), जनजागरुकता, खेल डेस्क। फीफा वर्ल्ड कप पर बेहद रोमांचक मैच में अर्जेंटीना ने कड़े संघर्ष के तीन दशक बाद कब्जा किया है। इस दौरान पूरे मैच में एक नाम बेहद संजीदगी और उम्मीद से लिया जाता रहा, वह है अर्जेंटीना का सुपर स्टॉर खिलाड़ी लियोनल मेसी है। बचपने में गंभीर बीमारी से जूझ रहा बच्चा कैसे फुटबॉल जैसे कड़ी मेहनत के खेल में दुनिया का स्टार बन गया। 

दुनियाभर से पहुंची टीमों के महान खिलाड़ियों के जमावड़े ने कतर में विश्व कप का रोमांच बेहद आश्चर्य से भरा रहा। फाइनल में अर्जेंटीना ने फ्रांस को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया। वह 36 साल बाद विश्व कप जीतने में सफल रहा है। उसने 1978 और 1986 के बाद अब तीसरी बार खिताब को अपने नाम कर लिया है। 

बेहद रोमांचक मैच में निर्धारित 90 मिनट तक मुकाबला 2-2 की बराबरी पर रहने के बाद एक्स्ट्रा टाइम में मैच पहुंच गया। वहां लियोनल मेसी ने एक गोल कर अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया, लेकिन किलियन एम्बाप्पे के मन में कुछ और ही था। उन्होंने 117वें मिनट में गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद पेनल्टी शूटआउट में अर्जेंटीना ने मैच को अपने नाम कर लिया।

पीएम मोदी ने दी अर्जेंटीना को बधाई

भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ने अर्जेंटीना को फीफा वर्ल्ड कप चैंपियन बनने पर बधाई दी।

लियोनल और किलियन एम्बाप्पे का शानदार प्रदर्शन

कतर का लुसैल स्टेडियम रविवार (18 दिसंबर) को फुटबॉल के एक एतिहासिल मैच का गवाह बना। पेनल्टी शूटआउट तक चले मैच में अर्जेंटीना ने फ्रांस को 4-2 से हराकर विश्व कप अपने नाम कर लिया। दुनिया के महानतम फुटबॉल खिलाड़ियों में एक लियोनल मेसी और युवा स्टार किलियन एम्बाप्पे ने अपने नाम के अनुरूप प्रदर्शन किया। मेसी ने दो तो एम्बाप्पे ने तीन गोल दागे।

..ऐसा कर दुनिया के पहले फुटबॉलर बन गए मेसी

मैच में खास बात रही कि लियोनल मेसी ने मैच में पहला गोल 23वें मिनट में पेनल्टी पर किया। वह एक विश्व कप के सभी नॉकआउट मैचों में गोल करने वाले दुनिया के पहले फुटबॉलर बन गए। उनके बाद एंजेल डी मारिया 36वें मिनट में गोल कर अर्जेंटीना को 2-0 से आगे कर दिया। हाफटाइम तक अर्जेंटीना की टीम 2-0 से आगे थी। हाफटाइम के बाद दोनों टीमों ने लगातार हमले किए, लेकिन गोल नहीं निकल पा रहे थे। 80 मिनट तक तो ऐसा लगा कि अर्जेंटीना अब मैच को आसानी से जीत लेगा, लेकिन किलियन एम्बाप्पे ने 2 मिनट में दो गोल कर मैच को पलट दिया। उन्होंने 80वें और 81वें मिनट में गोल कर दिया।

90 मिनट तक स्कोर बराबरी पर फिर मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में पहुंचा

निर्धारित 90 मिनट तक स्कोर 2-2 की बराबरी पर रहने के बाद मुकाबला एक्स्ट्रा टाइम में पहुंच गया। वहां दोनों टीमों को 15-15 मिनट के दो हाफ मिले। लियोनल मेसी ने 108वें मिनट में गोल कर मैच में अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया। एक बार फिर लगा कि अर्जेंटीना जीत के करीब पहुंच गया है, लेकिन उसकी राह में किलियन एम्बाप्पे फिर से खड़े हो गए। उन्होंने 117वें मिनट में गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया। इसके बाद मैच पेनल्टी शूटआउट में पहुंच गया। वहां अर्जेंटीना ने मुकाबले को 4-2 से अपने नाम कर लिया।

अंत में पेनल्टी शूटआउट से मैच का फैसला

निर्धारित समय के बाद कोई फैसला नहीं होने पर अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच मैच पेनल्टी शूटआउट में पहुंच गया। निर्धारित समय में 2-2 से बराबरी पर रहने के बाद मैच एक्स्ट्रा टाइम में पहुंचा। वहां लियोनल मेसी ने एक गोल कर अर्जेंटीना को 3-2 से आगे कर दिया। फिर किलियन एम्बाप्पे ने गोल कर मैच को 3-3 की बराबरी पर ला दिया।

इतिहास में तीसरी बार ऐसा

विश्व कप इतिहास में तीसरी बार चैंपियन का फैसला पेनल्टी शूटआउट में हुआ। 1994 में ब्राजील और 2006 में इटली ने पेनल्टी शूटआउट में मैच जीता था। संयोग की बात है कि इटली ने फ्रांस को हराया था। किलियन एम्बाप्पे ने 118वें मिनट में पेनल्टी पर गोल कर फ्रांस को मैच में वापस ला दिया है। अब स्कोर 3-3 की बराबरी पर पहुंच गया है। अगर एक्स्ट्रा टाइम में भी नतीजा नहीं निकलता है तो मुकाबला पेनल्टी शूटआउट में मैच पहुंच जाएगा।

बीच में फ्रांस के पाले में चला गया था मैच

मैच के पहले हाफ में लियोनल मेसी और एंजेल डी मारिया के गोल की बदौलत अर्जेंटीना ने 2-0 की बढ़त हासिल कर रखी थी। ऐसा लग रहा था कि मुकाबला अर्जेंटीना आसानी से जीत लेगा तभी 80वें और 81वें मिनट में किलियन एम्बाप्पे ने दो गोल दाग दिए। उनके गोलों की बदौलत फ्रांस मैच में वापस आ गया था।

अर्जेंटीना की कमान संभालने वाले लियोनल का जीवन रहा संघर्ष भरा 

रोमांचक खेल फीफा विश्व कप 2022 खत्म हो चुका है। इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला गया। अर्जेंटीना की कमान लियोनल मेसी के हाथों में थी। अपना आखिरी विश्व कप खेले 35 साल के मेसी ने अर्जेंटीना को चैंपियन बना कर ही दम लिया। मौजूदा समय में मेसी दुनिया के सबसे महान फुटबॉल खिलाड़ियों में गिने जाते हैं। बता दें लेकिन एक समय ऐसा था, जब मेसी ने खुद नहीं सोचा था कि वह फुटबॉल की दुनिया में इतना बड़ा स्टार बनेंगे। 

मेसी गंभीर बीमारी से जूझता रहा

संघर्ष भरे जीवन से उबरने वाले मेसी फुटबॉल की दुनिया में अपना मन लगा रहे थे, तभी पता चला कि उन्हें ग्रोथ हार्मोने डिफिसिएंसी है। इस बीमारी से पीड़ित बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाता है और वह बौने रह जाते हैं। इस दौरान तक मेसी फुटबॉल की दुनिया में अपनी झलक दिखा चुके थे। रिवर प्लेट उन्हें अपने साथ रखने के लिए तैयार था, लेकिन उनके इलाज का खर्च नहीं उठा सकता था। 

मां करती थी सफाई का काम

आपको बता दें कि 1987 में मेसी का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उनके पिता एक फैक्ट्री में काम करते थे और उनकी मां सफाई का काम करती थीं। मेसी के पिता एक फुटबॉल क्लब में कोच थे। ऐसे में फुटबॉल मेसी के खून में था। सिर्फ पांच साल की उम्र में मेसी एक फुटबॉल क्लब के साथ जुड़ गए। यहां उन्होंने खेल से जुड़ी बुनियादी चीजें सीखीं। 8 साल की उम्र में मेसी न्यूवैल ओल्ड बॉयज क्लब से जुड़ गए।

बीमारी को लेकर परिवार था चिंतित

जब मेसी की बीमारी के बारे में जानकर उनका परिवार चिंतित हो गया। इसी बीच बार्सिलोना ने छोटे फुटबॉल खिलाड़ियों के लिए टैलेंट हंट प्रोग्राम शुरू किया और मेसी इसमें चुन लिए गए। इसके बाद बार्सिलोना ने ही मेसी के इलाज का पूरा खर्चा उठाया और उन पर बीमारी का असर नहीं हुआ। मेसी प्रोफेशनल फुटबॉल में कदम रख चुके थे, लेकिन लगभग एक साल उनके यूरोप में सेटल होने में ही लग गया। वह अर्जेंटीना की बी टीम का हिस्सा बने और लगभग हर मैच में गोल किया। मेसी 14 साल तक इस टीम के साथ रहे।

जीत के बाद मेसी ने मां को लगा लिया गले

लगभग 17 साल की उम्र में मेसी ने बार्सिलोना के लिए डेब्यू किया। साल 2004 में उन्होंने अपना पहला मैच खेला और इस क्लब के लिए खेलने वाले तीसरे सबसे युवा खिलाड़ी बने। मई 2005 में मेसी ने बार्सिलोना की मुख्य टीम के लिए पहला गोल किया। जून में उन्होंने सीनियर खिलाड़ी के रूप में बार्सिलोना के साथ अनुबंध किया और इसके बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। 

35 खिताब अपने नाम किया

मेसी अब तक सात बार बेलोन डी'ओर, छह बार यूरोपियन गोल्डन शूज, बार्सिलोना के लिए 35 खिताब जीत चुके हैं। वह ला लिगा में 474 गोल कर चुके हैं। बार्सिलोना के लिए वह 672 गोल कर चुके हैं।

26 विश्व कप में दिखाया दम

2006 विश्व कप में मेसी पहली बार नजर आए। तब से लेकर अब तक वह सबसे ज्यादा 26 विश्व कप मैच खेल चुके हैं। इस दौरान उन्होंने अर्जेंटीना के लिए सबसे ज्यादा 13 गोल किए हैं। मेसी ने 22 साल की उम्र में पहला बैलेन डी ओर खिताब जीता था। साल 2021 में वह बार्सिलोना से अलग हुए। 

आखिर सपना पूरा किया मेसी ने

2008 में मेसी ने बीजिंग ओलंपिक में अर्जेंटीना को स्वर्ण पदक दिलाया। हालांकि, 2010 विश्व कप में वह कोई गोल नहीं कर सके और उनकी टीम को भी हार का सामना करना पड़ा। 2014 में उनकी टीम फाइनल में जर्मनी से हार गई और मेसी की आंखों में आंसू थे। मेसी की आखिरी ख्वाहिश विश्व कप जीतने की थी, जो साल 2022 में उन्होंने पूरी कर ली।

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