भारी बारिश की वजह से रेनिगुटा हवाई अड्डे पर उड़ान परिचालन प्रभावित..
तिरुमाला मंदिर जाने वाले पहाड़ी रास्ते पर भूस्खलन की खबर है। भारी बारिश से रनवे पर पानी भर जाने के कारण हैदरावाद से आने वाली कुछ उड़ानों को चेन्नई की ओर डायवर्ट कर दिया गया। लगातार हो रही बारिश से हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क भी जलमग्र हो गई।
तिरुपति, जनजागरुकता डेस्क। आध प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुपति (Tirupati) में भारी बारिश की वजह से बुधवार को रेनिगुटा हवाई अड्डे पर उड़ान परिचालन प्रभावित हुआ। तिरुमाला मंदिर जाने वाले पहाड़ी रास्ते पर भूस्खलन की खबर है। भारी बारिश से रनवे पर पानी भर जाने के कारण हैदरावाद से आने वाली कुछ उड़ानों को चेन्नई की ओर डायवर्ट कर दिया गया। लगातार हो रही बारिश से हवाई अड्डे की ओर जाने वाली सड़क भी जलमग्र हो गई। मंगलवार से हो रही भारी बारिश की वजह से निचले इलाकों में पानी भर गया, जिससे सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। इस बीच, घाट रोड पर भूस्खलन से तिरुमाला पहाड़ी पर स्थित श्री तेंकटेश्वर मंदिर तक गहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। अधिकारियों ने सड़क से पड़े पत्थ्तों को हटाने के लिए जेसीबी को काम पर लगाया है।
प्रसिद्ध पहाड़ी मंदिर के मामलों का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) यातायात की सुचारू आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए कदम उठा रहा है। लगातार हो रही बारिश के कारण मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को परेशानी हो रही है। भारी बारिश के मद्देनजर तीर्थयात्रियों की असुविधा को कम करने के लिए टीटीडी ने बुधवार को वीआईपी ब्रेक दर्शन रद्द कर दिया है। तिरुपति जिले के कई इलाकों में भारी बारिश हो रही है। अधिकारियों ने जिला कलेक्ट्रेट और मंडल तथा डिवीजन स्तर पर कंट्रोल रूम खोले है। तिरुमाला पहाड़ी से बारिश का पानी बहकर तिरुपति की ओर आ रहा है, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
कई जगहों पर सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे वाहनों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। बुधवार सुबह 9 बजे तक पिछले 24 घंटों के दौरान आईआईटी तिरुपति में 175 मिमी और रेनिगुंटा में 131 मिमी बारिश दर्ज की गई। बगाल की खाड़ी में दवाव के कारण दक्षिणी तटीय आंध के नेल्लोर, प्रकाशम जिले और रायलसीमा क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भारी बारिश हो रही है। नेल्लोर जिले में नाले, नदियां, झीले और तालाब उफान पर है। भारी बारिश के कारण कुछ गांव कट गए हैं। अधिकारियों ने वाईएसजार कडपा और नाववाल जिलों में एहतियात के तौर पर शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टी घोषित की है।
मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने दिए निर्देश
स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने सभी जिला प्रशासन को अगले चार दिनों तक हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। जल निकायों की निगरानी और संभावित बाढ़ की तैयारी पर विशेष जोर दिया गया है। लोगों को भारी बारिश और बाढ़ के दौरान नहरों और नालों को पार करने से बचने की सलाह दी गई है। जल संसाधन मंत्री निम्माला रामानायडू और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने भारी बारिश की आशंका वाले क्षेत्रों में निवासियों को अग्रिम चेतावनी देने के महत्व पर जोर दिया।
उन्होंने अधिकारियों को लोगों के मोबाइल फोन पर सीधे अलर्ट संदेश भेजने का निर्देश दिया ताकि समय पर संचार सुनिश्चित हो सके। जान-माल के नुकसान को रोकने पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है, खासकर उन जिलों में जहां भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान है। नेल्लोर और तिरुपति जिलों सहित प्रभावित क्षेत्रों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) की टीमों को स्टैंडबाय पर रखा गया है।
इसके अलावा, आंध्र प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (APSDMA) नियंत्रण कक्ष से मुख्य सचिव नीरभ कुमार प्रसाद ने पुलिस और सिंचाई सहित विभिन्न विभागों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। मछुआरों को तट पर लौटने की सलाह दी गई है, और बाढ़ की आशंका वाली सड़कों को एहतियात के तौर पर बंद कर दिया जाएगा। भारी बारिश के मद्देनजर, नेल्लोर और तिरुपति जिले में स्कूल और कॉलेज मंगलवार को बंद रहेंगे। इस बीच, अल्लूरी सीताराम राजू जिले में, प्रतिकूल मौसम की स्थिति के कारण रामपचोदवरम एजेंसी में पर्यटक गतिविधियों को 17 अक्टूबर तक निलंबित कर दिया गया है।