जीएसटी कमिश्नर बोले- 16 हजार करोड़ कर संग्रहण का लक्ष्य, व्यापारी समय पर अदा करें

वाणिज्यिक कर आयुक्त भीम सिंह ने चैंबर पदाधिकारियों एवं व्यवसायी संघों के साथ बैठक में कहा कि कर राजस्व बढ़ाना आवश्यक है।

जीएसटी कमिश्नर बोले- 16 हजार करोड़ कर संग्रहण का लक्ष्य, व्यापारी समय पर अदा करें

रायपुर, जनजागरुकता। वाणिज्यिक कर (जीएसटी) आयुक्त भीम सिंह ने व्यवसायिक संघों के प्रतिनिधियों से जीएसटी कर राजस्व संग्रहण की चुनौतियों पर चर्चा कर बेहतर कर संग्रहण के लिए सुझाव भी मांगे। सिंह ने छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज तथा निर्माता व्यवसायी संघों के पदाधिकारियों से कहा कि जीएसटी प्रणाली में 5 वर्ष तक क्षतिपूर्ति देने का प्रावधान बंद होने से राज्य को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए कर राजस्व बढ़ाना आवश्यक हो गया है, जिससे राज्य में जनहित के और विकास कार्यों को सुचारू रूप से संचालित किया जा सके। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में छत्तीसगढ़ में पंजीकृत व्यवसायियों की संख्या कम है। इसे बढ़ाए जाने की जरूरत है, जिससे कर आधार मजबूत होगा। 

प्रदेश में अभी एक लाख 74 हजार पंजीकृत व्यवसाई हैं लेकिन निर्धारित समय-सीमा में व्यवसायियों द्वारा कर एवं विवरण पत्र जमा नहीं करने से लक्ष्य के अनुरूप राजस्व समय पर विभाग को प्राप्त नहीं होता। इससे व्यवसाइयों का भी नुकसान होता है। उन्होंने वस्तु एवं सेवा कर प्रणाली में विलंब से कर जमा करने पर ब्याज एवं शास्ति का अनावश्यक भार व्यवसाइयों पर आता है। उन्होंने इससे बचने के लिए समय पर कर जमा करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य में कर राजस्व बढ़ाने छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, आयरन एंड स्टील निर्माता व्यवसायी संघ, सीमेंट निर्माता व्यवसायी संघ तथा फ्लोर मिल संघ के अध्यक्षों और सदस्यों के साथ बैठक की। 

भीम सिंह ने बैठक में बताया कि चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्रदेश में 16 हजार करोड़ रूपए के कर संग्रहण का लक्ष्य है। विभाग द्वारा इस साल अब तक 8 हजार करोड़ रूपए से अधिक का कर संग्रहण किया जा चुका है। उन्होंने विगत जुलाई, अगस्त और सितंबर के कर संग्रहण पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार राजस्व संग्रहण गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। उन्होंने कर संग्रहण बढ़ाने व्यवसायिक संघों से सहयोग करने का आग्रह किया। बैठक में छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के कार्यकारी अध्यक्ष राममंधान, राजेन्द्र जग्गी, उत्तम जैन, शंकर बजाज, नीलेश मूंदड़ा, फ्लोर मिल संघ के पदाधिकारी धरम अग्रवाल, सेंचुरी सीमेंट के प्रतिनिधि, वाणिज्यिक कर विभाग के अपर आयुक्त  टीएल ध्रुव, रायपुर संभाग की संयुक्त आयुक्त सुश्री सोनल खण्डूजा एवं सुश्री नीलिमा तिग्गा सहित विभिन्न व्यवसायिक संघों के अनेक पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

एक लाख से अधिक व्यवसायी देते हैं 5 से अधिक का टर्नओवर

वाणिज्यिक कर आयुक्त ने बैठक में बताया कि छत्तीसगढ़ में जीएसटी के अंतर्गत कुल एक लाख 74 हजार व्यवसायी पंजीकृत हैं। इनमें 5 करोड़ रूपए से अधिक टर्नओवर वाले व्यवसायियों की संख्या 13 हजार 300 है। कंपोजीशन वाले व्यवसायियों की संख्या 34 हजार है। प्रदेश में मासिक विवरण पत्र प्रस्तुत करने वाले व्यवसायी 75 हजार 600 हैं। छत्तीसगढ़ में प्रति एक लाख जनसंख्या के पीछे 601 व्यवसायी हैं, जबकि पड़ोसी राज्य मप्र में यह 638 है। 

आग्रह.. दंडात्मक कार्रवाई के लिए बाध्य न होना पड़े

सिंह ने बैठक में व्यवसायी संघों से अपील की कि जीएसटी प्रणाली के तहत 200 रूपए से अधिक के कर योग्य माल की बिक्री पर पक्का बिल जारी करने की अनिवार्यता है, इसका पालन सभी व्यवसायियों को करना चाहिए। उपभोक्ताओं द्वारा इस तरह की शिकायतें मिलने पर विभाग को दंडात्मक कार्रवाई के लिए बाध्य होना पड़ता है। उन्होंने दंडात्मक कार्रवाई से बचने के लिए वैधानिक प्रावधानों का पालन करने कहा। उन्होंने कहा कि समय-सीमा में रिटर्न प्रस्तुत नहीं करने से विभाग को रिटर्न मॉनीटरिंग, रिटर्न स्कूटनी, ऑडिट तथा पंजीयन विलोपन जैसी दंडात्मक कार्रवाई करनी पड़ती हैं, जिससे कर राजस्व संग्रहण प्रभावित होने के साथ ही अप्रिय स्थिति बनती है। उन्होंने सेवा प्रदाताओं, गुड्स सप्लायर्स और केजुअल टैक्स पेयर्स को भी अपना पंजीयन कराकर व्यवसाय करने के लिए प्रोत्साहित करने तथा आदतन कर अपवंचन करने वाले व्यवसायियों को हतोत्साहित करने का आग्रह किया।

‘‘इज ऑफ डुइंग बिजनेस” और “मिनिमम गर्वमेंट मैग्जीमम

गवर्नेंस” के सिद्धांत पर चलें- अमर गिदवानी 

छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने जीएसटी के अनेक प्रावधानों की ओर विभाग का ध्यान आकर्षित करते हुए सुझाव दिया कि ‘‘इज ऑफ डुइंग बिजनेस” और “मिनिमम गर्वमेंट मैग्जीमम गवर्नेंस” के सिद्धांत पर चलना चाहिए, जिससे व्यापार जगत में शुचिता कायम रहे। उन्होंने कर प्रणाली को सरल एवं सुगम बनाने के साथ ही कर की दरों का युक्तियुक्त करने का सुझाव दिया तथा निलंबित सभी पंजीयनों को बहाल करने का आग्रह किया। उन्होंने मौजूदा पंजीकृत व्यवसायियों को समय-सीमा में टैक्स और विवरण पत्र जमा करने के लिए प्रोत्साहित करने तथा कर आधार को बढ़ाने के लिए शासन का सहयोग करने की बात कही। उन्होंने वैध बिल जारी करने के लिए राज्य के सभी क्षेत्रों में दीपावली के बाद जागरूकता अभियान चलाने का सुझाव दिया। 

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