सेना की बढ़ती ताकत : दुश्मन का कैसा भी बख्तरबंद वाहन हो.. तबाह कर सकता है हमारा 'विभव'
भारतीय सेना में 600 एंटी-टैंक माइन सेना में शामिल किया गया है। हमारी सेना के लिए ऐसा एंटी-टैंक माइन नए जमाने के प्लास्टिक से बनी है, जो इसे अलग-अलग स्थितियों में भंडारण, हैंडलिंग और संचालन के लिए पर्याप्त ताकत देती है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। हमारी भारतीय सेना की ताकत बढ़ती जा रही है। सेना में नए-नए नायाब शस्त्र शामिल किए जा रहे हैं। अब ऐसा शस्त्र शामिल किया गया है कि दुश्मन इस बात को सुनकर ही कांप जाएगा। बख्तरबंद वाहन के परखच्चे उड़ जाएंगे। इसका उत्पादन पूरा हो चुका है। इसे पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया विभव एक पॉइंट-अटैक एंटी-टैंक गोला-बारूद है।
इसका उद्देश्य 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है। इस मामले पर मिली जानकारी अनुसार एंटी-टैंक माइन नए जमाने के प्लास्टिक से बनी है, जो इसे अलग-अलग क्षेत्र की स्थितियों में भंडारण, हैंडलिंग और संचालन की आवश्यकताओं को पूरा करने में पर्याप्त ताकत और स्थायित्व प्रदान करती है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन द्वारा तैयार इस शस्त्र को भारतीय सेना ने अपने बेड़े में 600 स्वदेशी स्व-निष्क्रिय एंटी-टैंक माइन शामिल किए हैं। इन्हें विभव नाम दिया गया है। यह दुश्मन के किसी भी बख्तरबंद वाहन को तबाह कर सकता है।
यह है पॉइंट-अटैक एंटी-टैंक गोला-बारूद
इस संबंध में एक अधिकारी के अनुसार इसके उत्पादन की पूरी प्रक्रिया हो चुकी है। सेना के बेड़े में इसे शामिल कर लिया गया है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने इसे तैयार किया है। पूरी तरह से स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित किया गया विभव एक पॉइंट-अटैक एंटी-टैंक गोला-बारूद है। इससे दुश्मन के सभी बख्तरबंद वाहनों को नष्ट किया जा सकता है।
डिजाइन ऐसा कि हर स्थिति में काम के लायक
इसका डिजाइन ऐसा है कि विभिन्न स्थितियों में संचालन की आवश्यकताओं का सामना करने के लिए पर्याप्त ताकत रखता है। युद्ध सामग्री में एक इलेक्ट्रॉनिक एंटी-हैंडलिंग और एंटी-लिफ्ट डिवाइस (ईएएचएएलडी) भी शामिल है जो एक बार हथियारबंद होने के बाद 120 दिनों तक सक्रिय रहता है। इसके निर्माण में तीन बदलाव किए गए हैं। इसमें अब मैकेनिकल टाइमर हैं। इस कारण 120 दिनों के बाद यह स्व-निष्क्रिय हो जाएगा। यह पहले की खदानों में उपलब्ध नहीं था।
इसकी भंडारण अवधि 10 साल
भारतीय सेना के लिए कल्याणी ग्रुप द्वारा युद्ध सामग्री का उत्पादन किया जा रहा है। इसकी भंडारण अवधि 10 साल है और इसमें भंडारण की कोई विशेष आवश्यकता नहीं है। एक और जानकारी अनुसार भारतीय नौसेना स्वदेशी नवाचारों पर अपने सेमिनार के दूसरे संस्करण 'स्वावलंबन-2023' का आयोजन 4-5 अक्टूबर को करेगी।
75 प्रौद्योगिकियों, उत्पादों का विकास
इसके पहले संस्करण का आयोजन पिछले साल जुलाई में किया गया था। इसमें पीएम मोदी ने भी भाग लिया था और 'स्प्रिंट चैलेंजेस' पहल की शुरुआत की थी। इसके तहत स्टार्टअप और एमएसएमई के लिए 75 चुनौतियां स्वीकार की गई थीं। इसके तहत नौसेना कम से कम 75 प्रौद्योगिकियों और उत्पादों को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
'आजादी का अमृत महोत्सव' स्वदेशी को प्रोत्साहन
इसका उद्देश्य 'आजादी का अमृत महोत्सव' के हिस्से के रूप में नौसेना में स्वदेशी प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देना है। स्प्रिंट पहल को डिफेंस इनोवेशन ऑर्गनाइजेशन (डीआईओ) के साथ मिलकर आगे बढ़ाया जा रहा है। इसका उद्देश्य डिफेंस एक्सीलेंस (आईडीईएक्स), एनआईआईओ और टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट एक्सेलेरेशन सेल (टीडीएसी) के लिए इनोवेशन के माध्यम से आर एंड डी में पोल-वॉल्टिंग का समर्थन करना है। janjaagrukta.com