शिवराज सिंह के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव, कल होगी चर्चा
स्पीकर गिरीश गौतम ने दी मंजूरी, कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने कहा कि कानून व्यवस्था का ध्वस्त होना, केंद्र की स्कीमों में गोलमाल, भर्तियों में हेराफेरी के साथ दूसरे मसले में इसमें शामिल हैं।
भोपाल, जनजागरुकता, डेस्क। सीएम शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ मप्र विधानसभा में पहला अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है। स्पीकर गिरीश गौतम ने इसे मंजूरी दे दी है। ये कांग्रेस लेकर आई है जिस पर बुधवार 21 दिसंबर को चर्चा होगी। कांग्रेस नेता गोविंद सिंह ने कहा कि उन्होंने 300 प्वाइंट्स जुटाए हैं। चर्चा के लिए 51 विषयों का चयन किया गया है। 2011 के बाद शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ ये पहला अविश्वास प्रस्ताव है।
गोविंद सिंह का कहना है कि इनमें तमाम मुद्दे शामिल हैं। कानून व्यवस्था का ध्वस्त होना, केंद्र की स्कीमों में गोलमाल, भर्तियों में हेराफेरी के साथ दूसरे मसले में इसमें शामिल हैं। ड्राफ्ट के मुताबिक सरकार को शराब की अवैध बिक्री पर भी विपक्ष के सवालों से गुजरना होगा। महाकाल लोक को लेकर भी कांग्रेस हमलावर है। पार्टी का कहना है कि इसमें बड़े पैमाने पर घपला किया जा रहा है। सरकार को इस मसले पर जवाब देना ही होगा।
विपक्ष के नेताओं से सौतेला व्यवहार
दूसरे जो मुद्दे ड्राफ्ट में शामिल हैं, उनमें विपक्ष के नेताओं से सौतेला व्यवहार, आदिवासियों पर अत्याचार के साथ काऊ शेल्टर्स की दयनीय हालत भी शामिल हैं। कांग्रेस का कहना है कि शिवराज सरकार के मंत्री पूरी तरह से भ्रष्टाचार में लिप्त हैं। सरकार केवल आत्ममुघता का शिकार है।
18 माह के दौरान सरकार हर मोर्चे पर विफल-कमलनाथ
पूर्व सीएम कमलनाथ का कहना है कि पिछले 18 माह के दौरान सरकार हर मोर्चे पर विफल रही है। करप्शन चरम पर है। लेकिन सरकार अपनी गलतियों को सुधारने की बजाए कांग्रेस के नेताओं को निशाना बना रही है। इकॉनोमिक आफेंस विंग का बेजा इस्तेमाल किया जा रहा है।
हम चर्चा के लिए तैयार हैं- नरोत्तम मिश्रा
उधर शिवराज सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि वो चर्चा के लिए तैयार हैं लेकिन कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव कमलनाथ के खिलाफ लाना चाहिए था। उनका कहना था कि राष्ट्रपति चुनाव के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की। चर्चा इस बात पर कराई जानी चाहिए थी कि ऐसा क्यों हुआ ?
विधानसभा में कांग्रेस के 96 विधायक, 2 नहीं आ रहे
गौरतलब है कि मप्र विधानसभा में कांग्रेस के 96 विधायक हैं। 2 विधायक सदन में नहीं आ रहे हैं। एक अस्वस्थ हैं तो दूसरे के खिलाफ मप्र पुलिस ने केस दर्ज किया हुआ है। विधायक उमन सिंघार के खिलाफ रेप का केस दर्ज किया गया है। वो अभी तक पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
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