क्रिमिनल लॉ बिल संशोधन पर लगी संसद की मुहर
CRPC में अब 531 धाराएं होंगी, 9 नयी धाराओं के साथ साथ 177 नयी धाराओं में बदलाव किये गए है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। 21 दिसंबर को संसद के शीतकालीन सत्र में क्रमिनल लॉ में संशोधन से जुड़े तीन नए बिल राज्यसभा से स्वीकृत हो गये है जो की 20 दिसंबर को लोकसभा में भी स्वीकृत हो गये थे। अब ये संशोधित क्रिमिनल लॉ राष्ट्रपति के मंजूरी के उपरान्त बिल कानून बन जायेंगे। लोक सभा और राज्य सभा से पास हुए संशोधित बिल की जानकारी का विस्तार कुछ ऐसा है..
1. CRPC में अब 531 धाराएं होंगी, 9 नयी धाराओं के साथ साथ 177 नयी धाराओं में बदलाव किये गए है।
2. गैंगरेप जैसे अपराध के मामले में 20 साल या आजीवन कारावास की सज़ा होगी वही नाबालिक से रपे के मामले में फांसी या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है।
3. झूठे वादे और गलत पहचान के साथ सम्बन्ध बनाना अपराध की श्रेणी में होगा।
4. मॉब लिंचिंग पर आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।
5. आतंकवाद एक दंडनीय अपराध की गिनती में आएगा।
6. FIR से लेकर कोर्ट के जजमेंट तक सब कुछ डिजिटल होगा।
7. राजद्रोह कानून अब देशद्रोह कानून होगा।
8. किसी भी आरोपी को आरोप मुक्त होने के लिए 7 दिन में याचिका दायर करनी होगी, वही कोर्ट को अधिकतम 120 दिनों में सुनवाई करेंगे।
9. अपराध के 30 दिन के अंतर्गत सरेंडर करने पर सजा कम मिलेगी।
10. मेडिकल लापरवाही के कारन हुई मौत से डॉक्टरों पर नहीं चेलगा मुकदमा।