Breaking : संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल पेश करने की तैयारी?

संसदीय स्थायी समिति की बैठक तीन जुलाई को बुलाई गई है। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है।

Breaking : संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता बिल पेश करने की तैयारी?

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। केंद्र में बैठी मोदी सरकार संसद के मानसून सत्र में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) बिल को पेश कर सकती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए तीन जुलाई को संसदीय स्थायी समिति की एक बैठक भी बुलाई गई है। बैठक भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी की अध्यक्षता में होगी। बैठक में सभी हितधारकों से सुझाव मांगे जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है।

संसदीय समिति की बैठक तीन जुलाई को

भाजपा के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी के नेतृत्व वाली समिति ने सभी 31 सांसदों और समिति के सदस्यों को सूचित किया है कि इस बैठक में समान नागरिक संहिता पर हितधारकों के सुझाव मांगे जाएंगे और उन पर विचार किया जाएगा। सोमवार को होने वाली बैठक दोपहर तीन बजे शुरू होगी।कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय पर संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि बैठक में सभी हितधारकों के विचारों को सुना जाएगा। 

भारत के विधि आयोग ने मांगे हैं लोगों से राय

भारत के विधि आयोग ने 14 जून को समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर आम जनता और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से भी उनकी राय और विचार मांगे थे।

क्या है समान नागरिक संहिता?

देश में रहने वाले सभी धर्मों और समुदायों के लोगों लिए एक ही कानून लागू किया जाना है। समान नागरिक संहिता का मतलब देश में रहने वाले सभी धर्मों के लिए एक ही कानून होगा। इसके तहत संपत्ति के अधिग्रहण और संचालन, विवाह, तलाक और गोद लेना आदि को लेकर सभी के लिए एक समान कानून बनाया जाना है।सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है। भाजपा मुसलमानों के पास जाकर उनके भ्रम को दूर करेगी।

भोपाल रैली में पीएम मोदी ने किया था जिक्र

बता दें कि भोपाल में एक जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने हाल ही में यूसीसी का जिक्र किया था।उन्होने कहा था यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है। देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है। पीएम ने विरोधी दलों पर हमला बोलते हुए कहा था कि विपक्ष सियासी फायदे के लिए यूसीसी का इस्तेमाल कर रहा है।

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