पौष पूर्णिमा : क्या है इसका महत्व ? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का समय

पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है।

पौष पूर्णिमा : क्या है इसका महत्व ? जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और स्नान-दान का समय

जनजागरुकता, धर्म डेस्क। हिंदू धर्म में पूर्णिमा का बहुत अधिक महत्व होता है। पौष मास की पूर्णिमा साल की पहली पूर्णिमा होती है। हर साल जनवरी माह में ही पौष माह की पूर्णिमा पड़ती है। पूर्णिमा तिथि पर भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में स्नान का भी बहुत अधिक महत्व होता है। इस दिन दान करने से भी कई गुना फल की प्राप्ति होती है। 

मुहूर्त- 

    पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ - जनवरी 06, 2023 को 02.29 बजे

    पूर्णिमा तिथि समाप्त - जनवरी 07, 2023 को 04.52 बजे

ये है पूजा विधि-

इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत अधिक महत्व होता है। आप नहाने के पानी में गंगा जल डालकर स्नान भी कर सकते हैं। नहाते समय सभी पावन नदियों का ध्यान कर लें।

    नहाने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। 

    अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें।

    सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें। 

    पूर्णिमा के पावन दिन भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना का विशेष महत्व होता है। 

    इस दिन विष्णु भगवान के साथ माता लक्ष्मी की पूजा- अर्चना भी करें। 

    भगवान विष्णु को भोग लगाएं। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को भी शामिल करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तुलसी के बिना भगवान विष्णु भोग स्वीकार  नहीं करते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। 

    भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की आरती करें।

    इस पावन दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अधिक से अधिक ध्यान करें। 

    पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा का भी विशेष महत्व होता है। 

    चंद्रोदय होने के बाद चंद्रमा की पूजा अवश्य करें। 

    चंद्रमा को अर्घ्य देने से दोषों से मुक्ति मिलती है। 

    इस दिन जरूरतमंद लोगों की मदद करें। 

    अगर आपके घर के आसपास गाय है तो गाय को भोजन जरूर कराएं। गाय को भोजन कराने से कई तरह के दोषों से मुक्ति मिल जाती है।

स्नान- दान का समय- 6 जनवरी, 2023 को 02:29 ए एम बजे से प्रारंभ।