वरिष्ठ उप पंजीयकों के निलंबन का विरोध..
बताया गया है कि जमीन के पंजीकरण में मनमानी स्टांप शुल्क लगाकर राजस्व को करोड़ों का चूना लगाने वाले अफसरों पर पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरीके निर्देश पर निलंबन की कार्रवाई की गई है।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ पंजीयन एव मुद्रांक कार्यपालिक अधिकारी कर्मचारी कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र श्रीवास,सचिव शशी पात्रे ने एक बयान जारी कर तीन वरिष्ठ उप पंजीयकों के निलंबन का विरोध किया है! साथ ही इसे नैसर्गिक न्याय सिदांत के विपरीत बताते हुए निलंबन वापस लेने की माँग सचिव वाणिज्य कर विभाग से की गयी है!
सचिव वाणिज्य कर विभाग को प्रेषित पत्र में संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेन्द्र श्रीवास,सचिव शशी पात्रे ने बताया है कि वरिष्ठ उप पंजीयकों का निलंबन प्रक्रिया के अनुरूप नही है! केवल मंत्री के दबाव में निलबंन आदेश जारी कर दिया गया है!न तो आरोप बताया गया न ही नोटिस दी गई ! आदेश में केवल दस्तावेज एव राजस्व हानि का उल्लेख है! उनके दोष का जिक्र नहीं किया गया है !भारतीय स्टाम्प अधिनियम में उप पंजीयक को मुद्रांक शुल्क निर्धारण एव वसूली का अधिकार नही है! वरिष्ठ उप पंजीयक राजपत्रित अधिकारी होते है ,उन्हें विभाग अध्यक्ष अथवा महानिरीक्षक पंजीयन निलंबित नहीं कर सकते! अत: निलंबन को नियम विरुद्ध मानते हुए इसे वापस लेने की मांग की गई है!
बताया गया है कि जमीन के पंजीकरण में मनमानी स्टांप शुल्क लगाकर राजस्व को करोड़ों का चूना लगाने वाले अफसरों पर पंजीयन विभाग के मंत्री ओपी चौधरीके निर्देश पर निलंबन की कार्रवाई की गई है। चौधरी ने जीरो टालरेंस नीति अपनाते हुए मामले में रायपुर की वरिष्ठ उप पंजीयक मंजूषा मिश्रा, धमतरी के उप पंजीयक सुशील देहरी और पाटन की उप पंजीयक शशिकांता पात्रे को निलंबित कर दिया है। इन तीनों उप पंजीयकों के खिलाफ जांच में एक करोड़ 63 लाख रुपये की गड़बड़ी करने के आरोप है।
निलंबन आदेश महानिरीक्षक पंजीयन विभाग ने जारी किया है। ये कार्रवाई पंजीयन विभाग में गठित सतर्कता प्रकोष्ठ की जांच रिपोर्ट के बाद हुई है। मंत्री चौधरी ने कुछ महीने पहले ही सतर्कता प्रकोष्ठ का गठन किया था। यह प्रकोष्ठ प्रदेश में हुई व्यावसायिक पंजीयन समेत बड़े रकबे के पंजीयन की प्रक्रिया की जांच कर रही है।