स्ट्रेस होगा कम; इन चीजों का करें सेवन डॉर्क चॉकलेट, नट्स और सीड्स
बता दें आज के समय में चिड़चिड़ापन एक गंभीर समस्या है। देखते ही देखते बात-बात में गुस्से में आ जाना, चिंतित हो उठना और डी-फोकस हो जाना आम बात हो गई हैं। आज हम आपको बताएंगे कि, इस समस्या को कुछ घरेलू उपाए से दूर कैसे कर सकते हैं।
जनजागरूकता हेल्थ डेस्क। आज के समय में चिड़चिड़ापन एक गंभीर समस्या है। देखते ही देखते बात-बात में गुस्से में आ जाना, चिंतित हो उठना और डी-फोकस हो जाना। अगर, आपके साथ भी ऐसा हो रहा है तो इसका सीधा असर मेंटल हेल्थ पड़ सकता है। ऐसे में स्ट्रेस मैनेजमेंट करने के लिए एक्सपर्ट की मदद ले, साथ ही कुछ फूड्स भी मूड बूस्टर साबित होते हैं, जिनका सेवन करें। आज हम आपको बताएंगे कि, इस समस्या को कुछ घरेलू उपाए से दूर कैसे कर सकते हैं।
स्ट्रेस से कारण
- थकान
- फोकस की कमी
- मूड स्विंग्स,
- नींद की कमी
- बार-बार भूलना
स्ट्रेस कम करने के लिए खाय ये चीज़ें-
प्रोटीन युक्त पदार्थ
चिकन, अंडे और डेयरी प्रोडक्टस से शरीर को अमीनो एसिड टायरोसिन मिलता है। इसकी मदद से डोपामाइन का रिलीज बढ़ने लगता है। बार-बार भूख लगने की समस्या का भी हल हो जाता है।
नट्स और सीड्स
बादाम, अखरोट, अलसी और कद्दू के बीज में टायरोसिन की उच्च मात्रा पाई जाती हैं। इससे डोपामाइन का स्तर बढ़ने लगता है। दिनभर में मुट्ठी भर नट्स और सीड्स का सेवन करना उचित होता है।
डार्क चॉकलेट
दिनभर में डार्क चॉकलेट का सेवन करने से डोपामाइन के स्तर को स्टीम्यूलेट किया जा सकता है। दही और अन्य फर्मेंटिड फूड्स के सेवन से गट हेल्थ बूस्ट के अलावा डोपामाइन के स्तर को बढ़ाया जा सकता है।
ग्रीन टी
नियमित ग्रीन-टी पीने से शरीर को एलथियानीन मिलता है। इससे डोपामाइन के स्तर बढ़ता है। डिप्रेशन का कम जोखिम होता है।
हल्दी से बनी चीज़ें
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक हल्दी को आहार में शामिल करने से शरीर को करक्यूमिन तत्व मिलता है। डोपामाइन के स्तर में वृद्धि होती है। हल्दी एक मूड बूस्टर मानी गई है। हल्दी को दूध में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। यह एक प्रकार के काढ़े का काम करती है। इसका उल्लेख आयुर्वेद में है।