तबादले को लेकर तहसीलदार और नायब तसीलदारों ने खोला मोर्चा..

तबादलों से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व मंत्री टंक राम के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। संघ का आरोप है कि इन तबादलों में पैसों का बड़े पैमाने पर लेन-देन हुआ है।

तबादले को लेकर तहसीलदार और नायब तसीलदारों ने खोला मोर्चा..
"Regarding the transfers, the Tehsildar and Naib Tehsildars have staged a protest."

रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के बड़े पैमाने पर किए गए तबादलों से नाराज कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने राजस्व मंत्री टंक राम के खिलाफ मोर्चा खोल लिया है। संघ का आरोप है कि इन तबादलों में पैसों का बड़े पैमाने पर लेन-देन हुआ है। संघ ने इस मामले को लेकर हाईकोर्ट जाने की बात भी कही है।

संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणी दुबे का कहना है कि जिन अधिकारियों ने मंत्री के सामने सिर झुकाया, उन्हें मनचाही जगह पर पोस्टिंग मिल गई। इस प्रक्रिया में कोई स्पष्ट मापदंड नहीं रखा गया। कुछ अधिकारियों का एक साल के अंदर ही तबादला कर दिया गया, जबकि कुछ का तीन साल बाद भी नहीं किया गया। दुबे ने सवाल उठाया कि जब नियम के अनुसार तीन साल के बाद तबादला होना चाहिए, तो फिर किसी का एक या दो साल में तबादला क्यों किया गया। उन्होंने इस प्रक्रिया को पूरी तरह अनियमित बताया।

नीलमणी दुबे ने यह भी कहा कि जिन अधिकारियों का कुछ ही महीनों में रिटायरमेंट है, उनका भी तबादला कर दिया गया। यहां तक कि 55 वर्ष के ऐसे अधिकारी जो आईसीयू में भर्ती हैं, उन्हें भी नहीं बख्शा गया। तबादले के लिए न तो उम्र का ध्यान रखा गया और न ही स्वास्थ्य का। उन्होंने बताया कि पिछले दो सालों में उनका यह छठा तबादला है, जिससे उनके परिवार और उन पर भारी असर पड़ा है।

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