कश्मीर में बेटियों के फुटबाल में आने से बदलेगी तस्वीर, 28 टीमों का टूर्नामेंट शुरू
फुटबाल के लिए राज्य में अच्छा ढांचा है ऐसे में महिलाओं के भी इस खेल में आगे बढ़ने की अपार संभावना है।
श्रीनगर, जनजागरुकता। खेल डेस्क। कश्मीर में लड़कियों के लिए भी एक फुटबाल क्लब होना चाहिए। घाटी की फुटबाल टीमों रियल कश्मीर और कश्मीर एफसी ने राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। फुटबाल के लिए राज्य में अच्छा ढांचा है ऐसे में महिलाओं के भी इस खेल में आगे बढ़ने की अपार संभावना है। ऐसे में उन्हें और अधिक प्रोत्साहन देने की की अवश्यकता है।
मामले पर मणिपुर पुलिस महिला टीम की कप्तान ओनम बेमबेम देवी ने कहा कि चीजें बदल सकती हैं अगर यहां नियमित रूप से भारतीय पुलिस फुटबाल चैंपियनशिप हो। यहां इस खेल को बढ़ावा मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कश्मीरी अभिभावकों को अपनी बेटियों को फुटबाल अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
वहीं केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की टीम के कोच प्रेम थापा का मानना है कि घाटी की फुटबाल टीमों रियल कश्मीर और कश्मीर एफसी ने राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है। कश्मीर में लड़कियों के लिए भी एक फुटबाल क्लब होना चाहिए। श्रीनगर के बख्शी स्टेडियम और कश्मीर यूनिवर्सिटी में इस समय अखिल भारतीय पुलिस फुटबाल टूर्नामेंट चल रहा है। यहां दर्शकों में टूर्नामेंट को लेकर काफी उत्साह भी नजर आ रहा है।
अलग क्लब होने से दूसरे राज्यों में प्रतिभा दिखाएंगीं
थापा ने कहा कि चीजें बदल सकती हैं अगर यहां नियमित रूप से भारतीय पुलिस फुटबाल चैंपियनशिप हो। लड़कियों के लिए फुटबाल का पेशेवर क्लब होने से वे देश के अन्य हिस्सों में जाकर टूर्नामेंट खेल सकेंगी जिस तरह से लड़कों के लिए अकादमियां होती हैं। मणिपुर पुलिस महिला टीम की कप्तान ओनम बेमबेम देवी ने कहा कि घाटी में फुटबाल को बढ़ावा मिलना चाहिए। कश्मीर में लड़कियों के लिए फुटबाल संस्कृति की जरूरत है।
फुटबाल देखने लड़कियां भी स्टेडियम पहुंचे
उन्होंने कहा लड़कियों को महिला फुटबाल के मैचों को देखने के लिए स्टेडियम में आना चाहिए। कई महिलाएं पहले राष्ट्रीय टीम के लिए खेल चुकी हैं। युवा लड़कियों को उनसे प्रेरणा लेते हुए आगे बढ़कर खेल को अपनाना चाहिए।
लड़कों की तरह पालक लड़कियों को भी प्रोत्साहित करे
सीआरपीएफ की खिलाड़ी निशा का कहना है कि अभिभावकों को लड़कियों को उसी तरह खेल के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए जैसे वो लड़कों को करते हैं। मैं हरियाणा से हूं, पहले वहां लड़कियों को उतना बढ़ावा नहीं मिलता था लेकिन अब बहुत सारी लड़कियां खेलों में राज्य और देश का नाम रोशन कर रही हैं।
खेलों में महिलाएं हमेशा प्रेरक के रूप में होती हैं
जम्मू एवं कश्मीर में पुलिस उप महानिरीक्षक सैयद स्लीट शाह का कहना है कि महिलाओं को सभी क्षेत्रों में खेलों सहित सभी क्षेत्रों में अवसर मिलने चाहिए। खेलों में महिलाएं हमेशा प्रेरक के रूप में होती हैं और उनमें काफी आत्मविश्वास नजर आता है। कश्मीर विश्वविद्यालय की उप कुलपति प्रोफेसर नीलोफर खान कहती है कि यह शानदार है कि पूरे देश से टीमें यहां आकर खेल रही हैं, यह हमारे विद्यार्थियों के लिए काफी उत्साहवर्द्धक है।
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