एनएचएम व एड्स नियंत्रण संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी की दो दिवसीय हड़ताल..
24 बार भेंट कर ज्ञापन देने के बाद भी नहीं हुआ काम, हताश हो एन एच एम और एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों ने छेड़ा आंदोलन।
रायपुर, जनजागरुकता। विधानसभा चुनाव पश्चत प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशनतथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के संविदा कर्मचारियों द्वारा अपनी माँगों को लेकर मुख्यमंत्री ,विधानसभा अध्यक्ष ,उप मुख्यमंत्री ,स्वास्थ्य मंत्री, वित्त मंत्री सहित तमाम सांसदों और विधायकों से मिल कर ज्ञापन दिया गया और जब मांग पूरी नहीं हुई तो अब विवश होकर दो दिन के ध्यान आकर्षण प्रदर्शन के लिए 22 और 23 जुलाई को रायपुर में इकट्ठा होंगे इससे प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा सकती है और आम जनता की तकलीफ बढ़ेगी। एन एच एम और एड्स नियंत्रण के लभगभ 16 हज़ार की संख्या वाले इस समूह में डॉक्टर,नर्स,पैरा मेडिकल ,प्रबंधकीय संवर्ग के लोग है। हड़ताल से आशंका है कि इससे लोग परीक्षण, जांच ,दवाई ,जन्म मृत्यु पंजीयन, पोषण पुनर्वास,टीकाकरण, सहित टीबी, मलेरिया ,आयुष्मान कार्ड जैसी सुविधा से भी वंचित हो सकते हैं। यह कर्मचारी प्रदेश,जिला,ब्लॉक सहित ग्राम स्तर तक अपनी सेवा देते हैं। प्रदेश में डायरिया ,मलेरिया का प्रकोप चरम पर है ऐसे में शासन की उपेक्षा से परेशानी और बढ़ सकती है ।
छत्तीसगढ़ प्रदेश एन एच एम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ अमित कुमार मिरी ने बताया कि,काम कर रहे कर्मचारी मानव संसाधन नीति 2018 से शासित होते हैं। समय के साथ उन नियमों में बदलाव की आवश्यकता है । नियमितिकरण सहित कुल 18 बिंदु मांग तथा गत वर्ष जुलाई में घोषित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को लेकर सरकार गठन से अब तक मुख्यमंत्री ,विधानसभा अध्यक्ष ,स्वास्थ्य मंत्री,वित्त मंत्री सहित तमाम बड़े मंत्रियों से भेंट कर अपनी माँगों से अवगत कराया गया है। कुल 24 बार ज्ञापन दिया जा चुका है । भेंट के दौरान हर मंत्री ने इसके निराकरण की बात कही परंतु आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जिस कारण शासन का ध्यान आकर्षित करने के लिए दो दिवसीय प्रदेश स्तरीय धरना प्रदर्शन 22 और 23 जुलाई को किया जाएगा इस आशय की सूचना उच्च स्तर पर भी दे दी गई है।
प्रदेश अध्यक्ष के अनुसार कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए अनुपूरक बजट सत्र 2023 में 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि की घोषणा सदन में की गई थी जिसके लिए 350 करोड़ का बजट रखा गया था । कई अन्य विभागों में वह प्राप्त भी हो चुका है किंतु आज तक एन एच एम तथा एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिला है। अल्प वेतन में काम कर रहे कर्मचारियों को घोषित वेतन वृध्दि का लाभ न देना यह सरकार की नीयत पर संदेह पैदा करता है।
होने वाले इस आन्दोलन को मनरेगा ,बिहान ,जैसे संघों के साथ-साथ राज्य के समस्त संविदा कर्मचारियों के सबसे बड़े संघ छत्तीसगढ़ सर्व विभागीय संविदा कर्मचारी महासंघ ने भी समर्थन दिया है । महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी के अनुसार विगत एक वर्ष से 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि को शासन-प्रशासन ने अटका रखा है ऐसे में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों के इस आंदोलन से आम जनता को होने वाली परेशानी के लिए शासन स्वयं जिम्मेदार है । एक चुनी हुई सरकार जिसे अभी कार्यकाल को 6 महीने हुए हैं उसे 24 बार मिलकर ज्ञापन देकर निवेदन करने के पश्चात भी माँग पूरी न होना अत्यंत ही दुःखद है। श्री तिवारी ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय तथा वित्त मंत्री ओपी चौधरी जी से इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए अविलंब घोषित वेतन वृद्धि को पूरा करने का अनुरोध किया है।
ये है प्रमुख मांगें-
18 बिंदु माँगों में नियमितिकरण,लंबित 27 प्रतिशत वेतन वृद्धि, ग्रेड पे निर्धारण ,वेतन विसंगति निराकरण, सी आर व्यवस्था में सुधार ,चिकित्सा परिचर्या,अवकाश नियम में बदलाव,अनुकंपा नियुक्ति और अनुदान में राशि मे वृद्धि,सेवा पुस्तिका संधारण,तबादला व्यवस्था में नियमितता जैसी प्रमुख मांगें सम्मिलित हैं ।