भू-विस्थापित न्याय अधिकार यात्रा : रोजगार और पुनर्वास की मांग पर 17 को घेरेंगे कलेक्ट्रेट
छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS) व (अभा किसान सभा (AIKS) से संबद्ध, जिला समिति कोरबा के प्रदर्शन की तैयारी।
कोरबा, जनजागरुकता। रोजगार और पुनर्वास की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ किसान सभा और भूविस्थापित रोजगार एकता संघ के मार्गदर्शन में 17 अक्टूबर को भू-विस्थापित कलेक्ट्रेट का घेराव करेंगे। किसानों को लामबंद करने के लिए भू-विस्थापित न्याय अधिकार यात्रा शुरू की गई है।
किसान सभा के जिला सचिव प्रशांत झा ने बताया कि जिला प्रशासन की मदद से एसईसीएल के कुसमुंडा, गेवरा, कोरबा, दीपका क्षेत्र द्वारा पूर्व में कई गांवों का अधिग्रहण किया गया था, इसलिए भू-विस्थापितों की समस्याओं के लिए जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन दोनों ही जिम्मेदार हैं। इन समस्याओं की ओर कई बार जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान आकर्षित किया गया है लेकिन समस्याओं के निराकरण के प्रति कोई भी गंभीर नहीं है।
उल्लेखनीय है कि कुसमुंडा में जमीन के बदले रोजगार की मांग को लेकर विगत 346 दिनों से धरना प्रदर्शन चल रहा है। पूरे खनन क्षेत्र में रोजगार, पुनर्वास और ग्रामीण समस्याओं को हल करने की मांग को लेकर लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह व जय कौशिक का आरोप है कि जिला प्रशासन और एसईसीएल प्रबंधन अपने सामाजिक उत्तरदायित्वों से भाग रही है और किसी भी पुनर्वास ग्राम में बुनियादी मानवीय सुविधाओं के साथ बसाहट नहीं दी गई है और न ही यहां के लंबित रोजगार प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, सचिव दामोदर श्याम तथा रघु ने कहा कि जिनकी जमीन एसईसीएल ने ली है इसलिए उन्हें बिना किसी शर्त के रोजगार दिया जाए क्योंकि जमीन ही उनके जीने का एकमात्र सहारा था। उन्होंने बताया कि कलेक्ट्रेट घेराव में भू-विस्थापितों का परिवार भी शामिल होगा।
यात्रा को माकपा पार्षद राजकुमारी कंवर, किसान सभा के जिलाध्यक्ष जवाहर सिंह कंवर व देवकुंवर और भू-विस्थापित रोजगार एकता संघ के अध्यक्ष रेशम यादव, दामोदर श्याम ने खनन प्रभावित गांव गंगानगर में हरी झंडी दिखाई। यह यात्रा सभी खनन व विस्थापन प्रभावित गांवों में किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं की जानकारी लेगी, उनकी मांगों पर उन्हें लामबंद करेगी।
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