हाईकोर्ट में 18 वर्ष के छात्र हाजिर होकर पुलिस के विरुद्ध दलील प्रस्तुत की
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने मामले का संज्ञान लेते हुए शासन को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।
बिलासपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक 18 वर्षीय निवासी पीयूष गंगवानी ने हाई कोर्ट में जमीन माफिया और पुलिस के खिलाफ अपनी लड़ाई लड़ी। दरअसल पीयूष के पिता हाईकोर्ट में वकील थे, जिनका निधन हो चुका है। पीयूषष ने कोर्ट को बताया कि उसकी और उसके परिवार की जमीन को लेकर एक कारोबारी नरेंद्र मोटवानी से विवाद चल रहा है। नरेंद्र मोटवानी ने स्थानीय आदतन अपराधी ऋषभ पनौकर के साथ मिलकर उसे और उसके परिवार को परेशान करता था। पीयूष ने चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच के सामने कहा कि, उस पर बालिग होते ही झूठे जुर्म दर्ज कर दिए गए हैं। वह आगे पढ़ना चाहता है लेकिन अपराध दर्ज होने के कारण दाखिला नहीं ले पा रहा है।
पीयूष ने चीफ जस्टिस के सामने ऑडियो और वीडियो क्लिपिंग को सबूत के तौर पर पेश करते हुए कोर्ट से गुहार लगाई कि उसके खिलाफ दर्ज झूठे मामले खारिज किए जाएं और उसे न्याय दिलाया जाए। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रजनी दुबे की डिवीजन बेंच ने मामले का संज्ञान लेते हुए शासन को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है।