Naxalite : मुठभेड़ में मारे गए नक्‍सलियों की संख्या बढ़ी, अब तक 13 नक्‍सलियों के शव बरामद

पुलिस का कहना है कि घटनास्थल में तलाशी अभियान अभी जारी है और मारे गए नक्सलियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में एक सप्ताह के भीतर सुरक्षा बल को यह दूसरी बड़ी सफलता मिली है।

Naxalite : मुठभेड़ में मारे गए नक्‍सलियों की संख्या बढ़ी, अब तक 13 नक्‍सलियों के शव बरामद

बीजापुर, जनजागरुकता। छत्‍तीसगढ़ के बीजापुर जिले के नक्‍सल प्रभावित गंगालूर क्षेत्र के कोरचोली के जंगल में मंगलवार को हुए मुठभेड़ में तीन और नक्‍सलियों के शव बरामद हुए हैं। आज सुबह जवानों की सर्चिंग के बाद नक्‍सलियों के तीन शव और मिले। बीजापुर मुठभेड़ में अब तक 13 नक्‍सलियों के शव बरामद हुए हैं।

इससे पहले मंगलवार को नक्सलियों के लड़ाकू दस्ता कंपनी नंबर दो के साथ हुई मुठभेड़ में सुरक्षा बल को बड़ी सफलता मिली है। मुठभेड़ के बाद घटनास्थल से अब तक 10 नक्सलियों के शव सहित एक लाइट मशीन गन, बैरल ग्रेनेड लांचर और अन्य हथियार व गोला-बारूद मिला था। मुठभेड़ में कई बड़े नक्सलियों के भी मारे जाने की सूचना है। बस्तर में सुरक्षा बल का यह अब तक का सबसे सफल अभियान है।

पुलिस का कहना है कि घटनास्थल में तलाशी अभियान अभी जारी है और मारे गए नक्सलियों की संख्या में बढ़ोत्तरी हो सकती है। बीजापुर के गंगालूर क्षेत्र में एक सप्ताह के भीतर सुरक्षा बल को यह दूसरी बड़ी सफलता मिली है। 27 मार्च को इसी क्षेत्र में सुरक्षा बल से मुठभेड़ में छह नक्सली मारे गए थे। यह क्षेत्र चार दशक से नक्सलियों के कब्जे में था।

बस्तर आइजी सुंदरराज पी. ने कहा, लेंड्रा के पास पहाड़ियों पर नक्सलियों की कंपनी नंबर दो की उपस्थिति की सूचना के बाद सोमवार की शाम गंगालूर, बासागुड़ा व कई सुरक्षा कैंप से बड़ी संख्या में जवानों को अभियान पर भेजा गया था। मंगलवार सुबह नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग की। जवानों ने इसका कड़ा प्रतिरोध किया। घटनास्थल की जांच में नक्सलियों के शव मिल रहे हैं। अब तक 10 नक्सली मारे जा चुके हैं।

बड़े नक्सलियों के मारे जाने की सूचना

छह अप्रैल 2010 में ताड़मेटला में 76 जवानों के बलिदान होने की घटना में सम्मिलित रहे कुख्यात नक्सली डीवीसी सदस्य पापा राव सहित कई बड़े नक्सली के मंगलवार को हुए मुठभेड़ में मारे जाने की सूचना है। पापा राव आठ लाख रुपये का इनामी था। वह बीजापुर-सुकमा के सीमावर्ती क्षेत्र में सक्रिय था। डेढ़ वर्ष पहले उसे गंगालूर एरिया कमेटी में भेजा गया था। यद्यपि समाचार लिखे जाने तक उसकी मौत की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

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