Crime: एलपीजी गैस एजेंसी दिलाने का झांसा देकर 13 लाख की ठगी, जाँच में जुटी पुलिस...

एलपीजी गैस की एजेंसी दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी से लाखो रुपये की ठगी कर ली। वहीं बड़ी रकम की व्यवस्था के लिए पीड़िता ने पैतृक जमीन बेच दी थी।

Crime: एलपीजी गैस एजेंसी दिलाने का झांसा देकर 13 लाख की ठगी, जाँच में जुटी पुलिस...

अंबिकापुर,जनजागरुकता। एलपीजी गैस की एजेंसी दिलाने का झांसा देकर जालसाजों ने स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी से 13 लाख 76 हजार रुपये की ठगी कर ली। बताया जा रहा कि, बड़ी रकम की व्यवस्था के लिए पीड़िता ने पैतृक जमीन बेच दी थी। इस दौरान पंजीयन, अनापत्ति प्रमाण पत्र, घरेलू और व्यवसायिक सिलिंडर क्रय करने सहित अलग-अलग कारण बताकर आरोपी ने आनलाइन माध्यम से रकम ठगी की। स्वयं को गैस एजेंसी चयन का अधिकारी बताकर किश्तों में अलग-अलग खातों में राशि जमा करा ठगी की। इस दौरान जब अचानक आरोपी का फोन बंद आया और कार्यालय नहीं मिला तो आरएचओ कर्मचारी ने अंबिकापुर के गांधीनगर थाने में घटना की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने धोखाधड़ी की धारा के तहत अपराध पंजीकृत कर साइबर टीम के साथ खोजबीन शुरू कर दी।

जानकारी के मुताबिक, बलरामपुर जिले के चलगली थाना क्षेत्र के ग्राम ओदारी निवासी बैजनाथ दुबे (44) गांधीनगर में रहते हैं। उप स्वास्थ्य केंद्र गोवर्धनपुर में आरएचओ के पद पर पदस्थ बैजनाथ दुबे (44) ने करीब 6 माह पूर्व गूगल पर गैस एजेंसी लेने के लिए प्रक्रिया में अपने बेटे के नाम पर एचपी कंपनी की गैस एजेंसी के लिए गूगल पर सर्च कर HP गैस कंपनी को ई-मेल किया। उन्हें 16 अप्रैल 2024 को एक मोबाइल नंबर से फोन आया। फोन करने वाले ने स्वयं को एचपी गैस के एलपीजी वितरक चयन का अधिकारी बताकर जानकारी दी कि आपके गैस एजेंसी का आवेदन अप्रूव हो गया है। फोन करने वाले ने पिनकोड व अन्य जानकारी फोन पर मांगी।

पहले पंजीयन के नाम पर 25 हजार 500 रूपये , अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए 70 हजार 800 रूपये , डीलर लाइसेंस के लिए एक लाख 47 हजार 200 रूपये, 250 सिलिंडर खरीदने हेतु 3 लाख 54 हजार रुपये, 100 व्यवसयिक सिलिंडर क्रय करने के नाम पर 2  लाख 29 हजार 700 रुपये, डीलर एवं आफिस, गोदाम के बीमा के नाम पर 4 लाख 40 हजार 500 रूपये आरटीजीएस व फोन पे के माध्यम से जमा कराया गया। ब्रांच सिक्योरिटी के लिए 2 लाख 99 हजार रूपये की मांग करने पर आरएचओ ने क्रमशः 10 हजार 500 रुपये और 98 हजार रुपये जमा किया।

वहीं आरोपी ने कहा कि, हमारे फील्ड अधिकारी फील्ड विजिट पर नहीं जा पा रहे हैं। आप मुंबई ऑफिस, मेन ब्रांच एलपीजी वितरक चयन, जी-ब्लॉक, बीकेसी बांद्रा कुली कांप्लेक्स, अंधेरी ईस्ट मुंबई, महाराष्ट्र आकर डीलर लाइसेंस एनओसी और एग्रीमेंट पेपर साइन करके ले जाइए। बैजनाथ दुबे मुंबई पहुंचे एवं फोन किया तो फोन रिसिव्ह नहीं हुआ। वे फोन करने वाले का पता खोजते हुए पहुंचे, लेकिन वह जगह नहीं मिली। बैजनाथ दुबे ने साइबर क्राइम ब्रांच अंधेरी में भी संपर्क किया। वहां से उन्हें अपने राज्य में जाकर रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी गई। उन्होंने अंबिकापुर वापस आकर गांधीनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। गांधीनगर पुलिस ने धारा 420 के तहत अपराध दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

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