आधे-अधूरे पड़े स्काई वॉक का निर्माण कार्य 7 साल बाद होगा पूरा- साय सरकार
राजधानी में आधे-अधूरे पड़े स्काई वॉक का निर्माण कार्य अब 7 साल बाद पूरा किया जायेगा। बता दें निर्माण कार्य सितंबर-अक्टूबर में शुरू किया जा सकता हैं।
रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने बड़ा फैसला लिया हैं। राजधानी में आधे-अधूरे पड़े स्काई वॉक का निर्माण कार्य अब 7 साल बाद पूरा किया जायेगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार ने जनहित में इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का निर्णय लिया है। बतया जा रहा कि, सन 2018 में छत्तीसगढ़ राज्य में कांग्रेस सरकार ने स्काई वॉक को अनुपयोगी बताकर इसके निर्माण पर रोक लगा दी थी। जिसके बाद अब एक बार फिर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के निर्देशों के बाद लोक निर्माण विभाग की सेतु निगम ने रिपोर्ट दी है कि, स्काई वाक का ढांचा मजबूत है। वहीं आधे-अधूरे पड़े स्काई वॉक का निर्माण कार्य दोबारा शुरू किया जायेगा।
बताया जा रहा कि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की सामान्य सुझाव समिति ने स्काइ वॉक को तोड़ने के बजाय जनहित में प्रयोग करने का सुझाव दिया था। जिसके बाद भी निर्माण कार्य पर रोक लगाये हुए थे। इस दौरान अब आधे-अधूरे पड़े स्काई वॉक का निर्माण कार्य अब 7 साल बाद पूरा किया जायेगा। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि, आधे-अधूरे पड़े स्काई वॉक का निर्माण कार्य सितंबर-अक्टूबर में शुरू किया जा सकता हैं।
इस दौरान नगरीय निकाय चुनाव के आचार संहिता के पहले टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। वहीं टेंडर के वक्त समय-सीमा महत्वपूर्ण होगी। बता दें कि स्काई वॉक में लगे पुराना खराब स्ट्रक्चर को हटाया जायेगा। वहीं पूर्व में स्वीकृत ड्राइंग-डिजाइन में जरूरतों के हिसाब से संशोधन किया जाएगा। इस दौरान स्काई वॉक का उपयोग मुख्यतौर पर फुटओवर ब्रिज के रूप में होगा। वहीं स्काई वॉक के अलग-अलग स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाएं जाएंगे। वहीं स्ट्रक्चर के आधार पर निर्माण कार्य पूरा किया जायेगा।
स्काइ वॉक पर कब-कब क्या हुआ
1. 2016-17 में भाजपा ने निर्माण कार्य शुरु किया, लखनऊ के मेसर्स जीएस एक्सप्रेस को काम सौंपा गया।
2. 8 माह में निर्माण कार्य पूरा करना था। वहीं 42 करोड़ के प्रोजेक्ट की लागत 77 करोड़ रुपये पहुंच गई।
3. 2018 में कांग्रेस सरकार के आते ही प्रोजेक्ट पर रोक लगाई गई। वहीं जांच समिति गठन किया गया। वर्ष 2020 में सामान्य सुझाव समिति ने स्काई वॉक का ढांचा तोड़ने पर सहमति नहीं जताई।