ललित कला अकादमी नई दिल्ली का रीजनल सेंटर भिलाई में स्थापित करने की मांग
आवेदक कर रहा है 8 महीने से ‘‘असंगठित कर्मकारों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना’’ की राशि का इंतजार, जनदर्शन में 125 आवेदन प्राप्त हुए।
दुर्ग, जनजागरुकता। कलेक्टर जनदर्शन में 125 आवेदन प्राप्त हुए। कलेक्टर पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने मौके पर ही कई आवेदनों का त्वरित निराकरण किया व अन्य आवेदनों का शीघ्र निराकरण करने के लिए संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। कला को मिले बढ़ावा इसके लिए दुर्ग एवं भिलाई के समस्त कलाकार आज जनदर्शन में ललित कला अकादमी नई दिल्ली का रीजनल सेंटर भिलाई में स्थापित कराने के लिए आवेदन लेकर पहुंचे थे।
उपस्थित आवेदकों में से एक अंकुश देवांगन ने बताया कि कलाकारों द्वारा यह मांग लंबे समय से की जा रही है। ताकि दुर्ग एवं भिलाई के कलाकार कला के क्षेत्र में भारत ही नहीं अपितु विश्व में अपनी अमिट छाप छोड़ सके। अकादमी स्थापित हो जाने से यहां देशभर के कलाकार आकार कला संबंधी उत्कृष्ट कार्य प्रस्तुत कर सकेंगे। जिससे स्थानीय कलाकारों को उनका मार्गदर्शन मिलेगा और इस क्षेत्र के कलाकारों का सर्वांगीण विकास हो सकेगा। आवेदन पर संज्ञान लेते हुए कलेक्टर ने बताया कि अकादमी का प्रस्ताव प्रक्रिया में है शीघ्र ही इसमें सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। उन्होंने संबंधित अधिकारी को आगे की प्रक्रिया के लिए आवेदन प्रेषित किया।
बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना का लाभ
8 महीने बीत गए लेकिन आवेदक को नहीं मिली श्रम विभाग के तरफ से दी जाने वाली असंगठित कर्मकारों के बच्चों के लिए छात्रवृत्ति योजना का लाभ जिसमें परिवार के प्रथम 2 संतानों को योजना से लाभ दिया जाता है। आवेदक कलेक्टर के समक्ष् आवेदन लेकर उपस्थित हुआ था। उसने बताया कि उसने आवेदन जुलाई 2022 में जमा किया था।
आईएफएससी कोड गलत होने पर..
जिसके तहत् उसे योजनातंर्गत 3500 की राशि मिलनी थी। परंतु बैंक डिटेल में आईएफएससी कोड गलत होने के चलते उनके खाते में राशि नहीं आ पाई। विभाग में पता करने पर उन्होंने इस त्रुटि का सुधार करवाया, परंतु इसके बाद भी खाते में उनकी राशि नहीं पहुंची। संबंधित कार्यालय में पता करने पर उपस्थित अधिकारियों द्वारा उन्हें बताया गया कि राशि उनके खाते में ट्रांसफर हो चुकी है। परंतु बैंक के पासबुक में चेक कराने पर योजना की राशि उन्हें नहीं मिली है।
आवेदन को श्रम विभाग के संबंधित अधिकारी की ओर प्रेषित किया
उन्होंने इसकी जानकारी विभाग को भी दी, परंतु उन्हें संतोषजनक जवाब विभाग में कई बार चक्कर लगाने पर भी नहीं मिल पा रहा है इसलिए उनका कलेक्टर से निवेदन था कि शीघ्र से शीघ्र उन्हें योजना की राशि उन्हें मुहैय्या कराई जाए। कलेक्टर ने आवेदन को श्रम विभाग के संबंधित अधिकारी की ओर प्रेषित किया।
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