ब्रिटेन में उत्साह का माहौल.. चार्ल्स-कैमिला की ताजपोशी, नहीं पहने कोहिनूर ताज

इस अवसर पर कोहिनूर जड़ा ताज पहनने से मना करते हुए चार्ल्स ने कहा मैं सेवा के लिए आया हूं। ताजपोशी पर एक हजार करोड़ की राशि खर्च की जा रही है।

ब्रिटेन में उत्साह का माहौल.. चार्ल्स-कैमिला की ताजपोशी, नहीं पहने कोहिनूर ताज

लंदन, जनजागरुकता डेस्क। पवित्र किताब पर हाथ रखकर किंग चार्ल्स ने ब्रिटेन के महाराज के तौर पर शपथ ली। इस दौरान उन्होंने कहा मैं राज करने नहीं, सेवा करने के लिए आया हूं। यहां के शाही परिवार में 7 दशक बाद ताजपोशी की रश्म अदायगी की जा रही है। खराब मौसम की चेतावनी के बावजूद जनता अपने राजा को देखने के लिए उमड़ पड़ी है।

74 साल के किंग चार्ल्स III और क्वीन कैमिला की ताजपोशी का समारोह वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च में जारी है। लगभग 70 साल बाद ताजपोशी समारोह यहां चल रहा है। इससे पहले 1953 में क्वीन एलिजाबेथ की ताजपोशी हुई थी, तब चार्ल्स केवल 4 साल के थे।

ताजपोशी से पहले चार्ल्स किंग को जनता के सामने पेश किया गया। इस अवसर पर चार्ल्स सिंहासन के सामने ऐबे की तरफ मुंह करके खड़े हुए। उसके बाद आर्कबिशप ने उनके महाराज बनने की घोषणा की। इसके बाद चार्ल्स ने पवित्र किताब पर हाथ रखकर शपथ ली। इस दौरान ताजपोशी में शामिल लोगों ने ‘गॉड सेव द किंग’ गाया। शपथ में चार्ल्स ने कहा मैं राज करने नहीं, सेवा करने के लिए आया हूं।

चार्ल्स ने हमेशा कानून का पालन करने की शपथ ली

वहीं आर्कबिशप ने वहां मौजूद सभी धर्म के लोगों को संबोधित किया। उन्होंने बताया कि इंग्लैंड का चर्च एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देता है जिसमें सारे धर्म के लोगों को बराबर सम्मान मिलता है। इसके बाद चार्ल्स ने हमेशा कानून का पालन करने और एक वफादार प्रोटेस्टेंट रहने की शपथ ली।

राजशाही छोड़ चुके प्रिंस हैरी भी पहुंचे

राजशाही प्रक्रिया के बीच राजशाही विरोधी ग्रुप 'रिपब्लिक' के समर्थक ताजपोशी के खिलाफ प्रदर्शन करते रहे। पुलिस ने इनमें से 6 प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं राजशाही छोड़ चुके प्रिंस हैरी पिता किंग चार्ल्स पिता की ताजपोशी में शामिल होने पहुंचे। ताजपोशी से पहले कॉमनवेल्थ देशों के प्रतिनिधि वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च पहुंचे।

समारोह देखने जुटी जनता

सात दशक बाद ऐसे आयोजन को देखने के लिए बड़ी संख्या में जनता जुटी है। हजारों लोग ताजपोशी देखने एक दिन पहले ही पहुंच गए थे। खराब मौसम की चेतावनी के बावजूद, जिस रास्ते से किंग का काफिला जाएगा, वहां हजारों की संख्या में लोग मौजूद हैं। बकिंघम पैलेस, द मॉल और वेस्टमिंस्टर ऐबे चर्च के बाहर भारी भीड़ जुटी है। लोग परिवार के साथ सड़क, पार्क और फुटपाथ पर मौजूद हैं।

राज परिवार में ऐसा भी 

ड्यूक ऑफ ससेक्स प्रिंस हैरी पत्नी मेगन के बिना पिता की ताजपोशी में शामिल हुए हैं। उनकी सेरेमनी में कोई औपचारिक भूमिका नहीं होगी। किंग चार्ल्स के छोटे भाई प्रिंस एन्ड्र्यू को भी ताजपोशी समारोह में कोई भूमिका नहीं दी गई है। सेक्स स्कैंडल में फंसने के बाद चार्ल्स ने उन्हें रॉयल फैमिली से बेदखल कर दिया था।

भारत के प्रतिनिधि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ शामिल

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने समारोह में भागीदारी के लिए पहुंचे हैं। शुक्रवार शाम को किंग चार्ल्स से मुलाकात की। उपराष्ट्रपति ने लंदन में भारतीय मूल के पूर्व और वर्तमान सांसदों से भी बातचीत की। समारोह में भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ति फ्लैग बियरर्स के काफिले को लीड करेंगे।

200 देशों से चर्च में चार्ल्स के मेहमान

सेरेमनी में दुनियाभर से कई सेलेब्रिटीज सहित 200 देशों के पॉलिटिकल लीडर्स/रिप्रेजेंटेटिव्स शामिल हो रहे हैं। ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक और उनकी पत्नी अक्षता मूर्ती समेत सभी मेहमान वेस्टमिंस्टर चर्च पहुंचे हैं। इसके अलावा, सेरेमनी में जापान के क्राउन प्रिंस अकिशिनो और उनकी पत्नी किको भी आई हैं।

एक हजार करोड़ की ताजपोशी

ब्रिटेन में कई लोग ताजपोशी समारोह का विरोध भी कर रहे हैं। क्योंकि किंग चार्ल्स की ताजपोशी में £100 मिलियन पाउंड यानी करीब एक हजार करोड़ रुपए का खर्च आया है। ये पैसा ब्रिटेन के टैक्सपेयर्स की ही जेब से लिया गया है। इसमें रॉयल खजाने का इस्तेमाल नहीं हुआ है। द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, किंग चार्ल्स के पास सैंड्रिंघम में 75 मिलियन पाउंड यानी 771 करोड़ रुपए की संपत्ति है।

..तभी से वे महाराज बन गए थे

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक, कानूनी तौर पर इस समारोह की कोई जरूरत नहीं है। क्वीन एलिजाबेथ के निधन के बाद जब चार्ल्स के किंग बनने की घोषणा हुई थी, तभी वो आधिकारिक तौर पर महाराज बन गए थे। वहीं क्वीन एलिजाबेथ के समय पहली बार ब्रिटेन में किसी ताजपोशी समारोह का लाइव टेलिकास्ट हुआ था। न्यूयॉर्क पोस्ट के मुताबिक, करीब 2 करोड़ 70 लाख लोगों ने टीवी पर इसे देखा था।

ऐसे हैं ताजपोशी के पक्ष की स्थिति

ताजपोशी के दौरान ज्यादातर रीति-रिवाज पहले जैसे ही हैं, लेकिन अब इसके मायने बदल गए हैं। टाइम के एक पोल के मुताबिक, जब एलिजाबेथ क्वीन थीं तब 2012 में ब्रिटेन के करीब 80% लोग राजशाही के पक्ष में थे। हालांकि 2022 में उनकी मौत के बाद ये आंकड़ा 68% पर लुढ़क गया।

रॉयल सिंबल का इस्तेमाल

ब्रिटेन इकलौता ऐसा देश है जो अब भी रॉयल रिगालिया या सिंबल्स का इस्तेमाल करता है। इनमें ताज, ऑर्ब, सिंहासन, सेप्टर्स जैसी कई चीजें शामिल हैं। किंग चार्ल्स की ताजपोशी में भी इनका इस्तेमाल हुआ। किंग चार्ल्स के अभिषेक के लिए खास कलश और रॉयल स्पून (चम्मच) का उपयोग हुआ। इसके अलावा उन्हें 1831 की बेशकीमती अंगूठी पहनाई गई। चार्ल्स को हाथ में सोने का राजदंड भी पकड़ाया गया। ये उनकी ताकत का प्रतीक है। इस पर दुनिया का सबसे बड़ा कलिनन डायमंड लगा हुआ है। ताजपोशी में किंग सिल्क से बनी पर्पल रंग की खास रोब पहने। इसे बनाने में करीब साढ़े 3 हजार घंटे लगे हैं।

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