रेल्वे में हाई स्पीड डीजल की खरीद में करोड़ों का घोटाला

रेल्वे बोर्ड में हड़कम्प, वसूली और बकाया राशि को बिलों में समायोजित करने फरमान

रेल्वे में हाई स्पीड डीजल की खरीद में करोड़ों का घोटाला

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। भारतीय रेलवे में हाई स्पीड डीजल की खरीद में सर्तकता टीम ने अपनी जांच में करोड़ों का घोटाला आडिट के दौरान पकड़ा है। जांच टीम ने इसकी जानकारी रेल्वे बोर्ड को दे दी है। इससे रेल्वे बोर्ड में हड़कम्प मच गया है। आडिट में खुलासा किया गया है कि इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड और भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड को जनवरी-सितंबर 2022 के दौरान 243 करोड़ मूल्य रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया है। रेल्वे बोर्ड ने तत्काल जांच और वसूली के आदेश दे दिए हैं। इस मामले में बोर्ड के अधिकारियों ने चुप्पी साध ली है।

प्रचलित दर से 25 से 40 फीसदी अधिक भुगतान

नॉर्थ ईस्ट बॉर्डर रेलवे के पांच मंडलों में डीजल इंजन वाली ट्रेनें चलती हैं और इसके लिए थोक में हाई स्पीड डीजल बड़े पैमाने पर खरीदा जाता है। रेल सर्तकता विभाग ने रेलवे बोर्ड को लिखे अपने पत्र में कहा है कि तेल कंपनियों के बिलों की जांच करने पर पता चला है कि तेल कीमतों के रूप में ली जाने वाली राशि 25 से 40 फीसदी अधिक है।प्रचिलत दर से अधिक का भुगतान किया गया। सूत्रों ने कहा कि तेल कंपनियों के साथ रेलवे बोर्ड के दर अनुबंध के खंड 12 (ए) के उल्लंघन में अतिरिक्त भुगतान किया गया था। 

वसूली और बकाया राशि को समायोजित करें

रेल्वे सतर्कता जांच टीम ने इस कदाचार की जानकारी रेलवे बोर्ड को दे दी है। सूत्रों के मुताबिक नॉर्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के मुख्य वित्तीय सलाहकार को तेल कंपनियों को किए गए अतिरिक्त भुगतान की वसूली करने का निर्देश दिया गया है।उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के अधिकारियों ने तेल कंपनियों को किए गए अतिरिक्त भुगतान की वसूली और बाद के बिलों में बकाया राशि को समायोजित करने के लिए कदम उठाए हैं। 

तेल कंपनियों को किए गए भुगतान सवालों के घेरे में

भुगतान जांच के दायरे में सतर्कता दल द्वारा जारी अलर्ट के बाद भारतीय रेलवे के 16 जोन में राष्ट्रीय तेल कंपनियों को किए गए भुगतान सवालों के घेरे में आ गए हैं। रिपोर्ट में रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम तेल कंपनियों को किए गए भुगतान की जांच के लिए आंतरिक ऑडिट करेंगे। हमारे पास अन्य क्षेत्रों में घोटालों के बारे में जानकारी है।

अनियमितता रोकने नई व्यवस्था बनाने पर जोर

विजिलेंस विभाग ने अन्य जोनों से यह जांच करने को कहा है कि क्या उनके द्वारा ऐसा कोई अतिरिक्त भुगतान किया गया है। साथ ही सतर्कता विभाग से ‘भविष्य में इस तरह की अनियमितता से बचने के लिए एक व्यवस्था बनाने’ का भी अनुरोध किया है। रेलवे बड़ी मात्रा में हाई स्पीड डीजल खरीदता है और इसमें एक छोटा सा बदलाव भी करोड़ों रुपये में चला जाएगा।

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