मदरसों को संचालित करने विदेशों से मिल रहे थे पैसे, 4 हजार मदरसों पर होगी कार्रवाई
12 बिंदुओं पर किए गए सर्वे में एक महत्वपूर्ण बिंदु ये था कि मदरसों की आय का स्रोत क्या है? इस सवाल का मदरसे जवाब नहीं दे पाए।
लखनऊ, जनजागरुकता डेस्क। प्रदेश में गैर मान्यता प्राप्त मदरसों का सर्वे कराया गया था। 12 बिंदुओं पर किए गए सर्वे में एक महत्वपूर्ण बिंदु ये था कि मदरसों की आय का स्रोत क्या है? इस सवाल का मदरसे जवाब नहीं दे पाए। गहन जांच में पता चला कि इनके लिए फंडिंग विदेशों से आ रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार अब इन मदरसों पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
सर्वे के मुताबिक यूपी में विदेशी फंडिंग से चलने वाले 4 हजार से अधिक मदरसे शामिल हैं। मदरसा बोर्ड की परीक्षा के बाद अल्पसंख्यक कल्याण विभाग इन पर कार्रवाई करेगा। इस बात को लेकर बोर्ड पुलिस के अधिकारियों के साथ मंथन किया है।
बता दें कि गैर मान्यता प्राप्त मदरसों को दूसरे देशों से पैसा मिलने के पक्के सबूत मिले चुके हैं। ऐसे में अवैध तरीके से संचालित किए जा रहे मदरसों पर सरकार लगाम लगाना शुरू कर दिया है। विदेशी फंडिंग से संचालित इन 4 हजार से ज्यादा मदरसे कानूनी कार्रवाई के लपेटे में आएंगे।
सर्वे में 8441 मदरसे गैर कानूनन संचालित मिले
जानकारी अनुसार प्रदेश सरकार ने गत वर्ष प्रदेश में संचालित गैर मान्यता प्राप्त मदरसों की जांच कराई थी। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में इसे लेकर बैठक में मंत्रणा की गई थी। जहां कई बिंदुओं पर सर्वे के साथ महत्वपूर्ण बिंदु यह था कि मदरसों की आय का स्रोत क्या है? विभागीय जांच में पता चला कि प्रेदश में लगभग 8441 मदरसे अवैध रूप से संचालित हो रहे हैं। इनकी मान्यता नहीं ली गई थी।
उप्र-नेपाल सीमा पर मदरसों का जाल
जांच में पता चला कि खास तौर से उप्र-नेपाल सीमा के जिलों में तो इस तरह के मदरसों का जाल बिछा मिला। सिद्धार्थनगर में 500 से ज्यादा, बलरामपुर में 400 से ज्यादा, लखीमपुर खीरी में 200, महराजगंज में 60, बहराइच तथा श्रावस्ती में 400 से ज्यादा मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले थे। वहीं इनमें से 4 हजार से ज्यादा मदरसों में विदेशी फंडिंग से संचालन की बात पकड़ी गई।
नहीं उपलब्ध करा पाए कोई भी दस्तावेज
यह बात भी पता चली कि दुबई के काफी लोग यहां पैसा भेजते हैं। नेपाल व बांग्लादेश से भी पैसा मदरसों को मिलता है। इसे चंदा बताया जा रहा है। यह चंदा सरकार की जानकारी में आ गई है। पूरी जांच में ये पता चला कि मदरसा संचालक के चंदे की रकम से संबंधित किसी भी तरह का दस्तावेज उपलब्ध नहीं करा पाए।
अल्पसंख्यक बच्चों को भी बेहतर शिक्षा देंगे
मामले पर सरकार का कहना है कि हम चाहते हैं कि अल्पसंख्यक बच्चे भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करे। हम उन्हें आधुनिक शिक्षा देना चाहते हैं। कंप्यूटर से जोड़ रहे हैं पर अब भी बहुत से मदरसों में विदेशों से पैसा आता है। वहीं अल्पसंख्यक बच्चों की गरीबी का लाभ उठाने की बात भी सामने आई। इससे वे उन्हें बाहर ले जाते हैं जिसके जरिए संदिग्ध गतिविधियों में बच्चों को लिप्त किया जाता है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री धर्मपाल सिंह ने मामले पर कहा है कि पुलिस के उच्च अधिकारियों से भी बात हो गई है। परीक्षा के बाद ऐसे मदरसों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।