केन्द्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कर्नाटक में खत्म करने पर विचार

शिक्षाविदों का कहना है कि यह ठीक नहीं है। खत्म करने की बजाय इसमें सुधार की जा सकती है।

केन्द्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को कर्नाटक में खत्म करने पर विचार

बेंगलुरु, जनजागरुकता डेस्क। कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनते ही केन्द्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति यानी एनईपी राज्य में लागू नहीं करने का एलान किया था। जिस पर कांग्रेस सरकार गंभीरता पूर्वक विचार कर रही है। लेकिन शिक्षाविदों का कहना है कि यह ठीक नहीं है। खत्म करने की बजाय इसमें सुधार कर सकती है। बता दें कर्नाटक ही एक ऐसा राज्य है जो केन्द्र की राष्ट्रीय शिक्षा नीति को सबसे पहले लागू किया था।     

कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस का घोषणापत्र जारी हुआ, जिसमें राष्ट्रीय शिक्षा नीति को खत्म करने का वादा किया गया था। अब जब राज्य में कांग्रेस की सरकार बन चुकी है। तो इस पर अमल की ओर सरकार आगे बढ़ रही है।

एनईपी को खत्म करने का प्रस्ताव बेवकूफी भरा- कुलपति थिमप्पा

जानकारों का कहना है कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति छात्रों के हित में है। वहीं बैंगलोर विश्वविद्यालय के कुलपति एमएस थिमप्पा ने कहा ‘कर्नाटक में एनईपी सबसे साइंटिफिक पॉलिसी में से एक है। इसमें छात्रों के लिए कई फायदे हैं। ’एनईपी को खत्म करने का प्रस्ताव बेवकूफी भरा है। 

खत्म करने के बजाए संशोधन करना अच्छा- कुलपति जी हेमंत

मैसूर विश्वविद्यालय के कुलपति जी हेमंत कुमार का मानना है, लागू नीति को रद्द करने की सलाह नहीं दी जाती है। ‘जरूरतों के हिसाब से एनईपी का संशोधन करना अच्छा रास्ता है।’ उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि कर्नाटक में एनईपी को ठीक तरह से लागू नहीं किया गया, लेकिन उसे खत्म कर देना उपाय नहीं है।

एनईपी को लागू करने वाला कर्नाटक पहला राज्य

उल्लेखनीय है कि है कि अगस्त 2021 में कर्नाटक पहला राज्य था, जहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू की गई थी। नवंबर 2020 में ही प्रदेश की टास्क फोर्स की तरफ से सरकार को रिपोर्ट सौंपी जा चुकी थी। जबकि, जुलाई 2020 में केंद्र सरकार ने इस नीति की शुरुआत की थी।

केंद्र की नई शिक्षा नीति को राज्य में लागू नहीं करेंगे

कांग्रेस की घोषणापत्र समिति के उपाध्यक्ष केई राधाकृष्ण ने कहा, ‘संविधान में शिक्षा संविधान में शामिल सूची का हिस्सा है। केंद्र ने नई शिक्षा नीति को थोपा है। राज्य सरकार ने लागू करने के लिए जानकारों के साथ चर्चा नहीं की गई थी। इसे बगैर किसी तैयारी के लागू किया गया है। ऐसे में हम इसे खत्म करेंगे।

janjaagrukta.com