वादे से मुकरी सरकार, अनियमित कर्मचारियों का जीवन अधर में, प्रदर्शन 11 जून को
कांग्रेस सरकार अपने वादे के विपरीत 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों यथा स्कूल सफाई कर्मचारी, महिला पुलिस वालेंटियर, अतिथि शिक्षकों, शिक्षण सेवक, स्वास्थ्य कर्मचारियों, कंप्यूटर ऑपरेटरों की छंटनी कर दी।
रायपुर, जनजागरुकता। नियमित भर्ती पर रोक लगाने सहित 5 सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा 11 जून को नवा रायपुर तूता में धरना-प्रदर्शन के साथ मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेगा। उनकी मांग है कि यथा नियमितीकरण किया जाए। पृथक कर्मचारियों की बहाली हो। अंशकालीन कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जाए। आउट सोर्सिंग/ठेका बंद किया जाए। दिवंगत शिक्षाकर्मियों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए।
संगठन के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि हम लंबे समय से अपनी 5 सूत्रीय मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। साहू ने बताया कि कांग्रेस ने सरकार बनने पर 10 दिवस में प्राथमिकता से अनियमित कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने का वादा की थी। वहीं कांग्रेस के जन-घोषणा (वचन) पत्र “दूर दृष्टि, पक्का इरादा, कांग्रेस करेगी पूरा वादा” के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित कर्मचारियों का नियमितीकरण करने, छटनी न करने एवं आउट सोर्सिंग बंद करने तथा पृथक कर्मचारियों को रोजगार देने का वादा किया था।
14 फ़रवरी 2019 को मंच से घोषणा किए थे
संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि मुख्यमंत्री ने 14 फ़रवरी 2019 को अनियमित मंच से घोषणा किए थे कि यह वर्ष किसानों का है, आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा। मार्च 2019 में बनी समिति अभी तक रिपोर्ट नहीं सौंपी? जुलाई 2019 से शासन अभी तक अनियमित कर्मचारियों के आंकड़े प्राप्त नहीं कर सकी? आउट सोर्सिंग बंद नहीं हुआ।
10 हजार अनियमित कर्मचारियों को निकाला
कांग्रेस सरकार अपने वादे के विपरीत 10 हजार से अधिक अनियमित कर्मचारियों यथा स्कूल सफाई कर्मचारी, महिला पुलिस वालेंटियर, अतिथि शिक्षकों, शिक्षण सेवक, स्वास्थ्य कर्मचारियों, ग्रामीण विकास विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटरों की छंटनी कर दी। वहीं छटनी निरंतर जारी है। मार्च 2017 के बाद न्यूनतम वेतन एवं अगस्त 2019 के बाद संविदा वेतन में बढ़ोत्तरी नहीं की गई।
एक ओर नौकरी तिहार, दूसरी ओर निकाल रही
संगठन ने सवाल किया कि सरकार नौकरी तिहार मना रही है और सालों से काम कर रहे अनेक विभागों से अनियमित कर्मचारियों को निकाल रही है। शिक्षा विभाग, रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग, वन विभाग, सहकारिता विभाग, पशुधन विकास विभाग, सहकारिता विभाग में वर्षों से कार्यरत अनियमित कर्मचारियों को निकाले जा रहे हैं। ऐसे में उनका जीवन अधर में कर दिया है। वे भय से जीवन जीने को विवश हो रहे हैं।
विभागवार अनियमित कर्मचारी.. दिल से निकल रही आह
सरकार के वादे से मुकरने के बाद अनियमित कर्मचारियों का जीवन अधर में है। उनके दिल से आह निकल रही है। विभागवार स्थिति देखें तो शिक्षा विभाग अंतर्गत बीजापुर-सुकमा में 301 शिक्षा दूत, बीजापुर में 70 शिक्षा मितान, बस्तर में 160 शिक्षण सेवक, कोंडागांव में 508 ट्यूटर शिक्षक, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, मुंगेली में 1185 स्थानीय अतिथि शिक्षक, कबीरधाम में 126 शाला संगवारी, मदरसा अतिथि शिक्षक 1005, एकलव्य विद्यालय अतिथि शिक्षक 386 हैं। साहू ने बताया कि इन्हें भर्ती में किसी प्रकार का वेटेज नहीं दिया जा रहा है।
सरकार के खिलाफ असंतोष के साथ आक्रोश
संगठन के अनुसार केवल 1659 अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) जो उच्चतर शाला में कार्यरत हैं उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि अधिकांश अतिथि शिक्षक (विद्या मितान) के पास टेट प्रमाण-पत्र नहीं होने से ये फार्म भर नहीं पाएंगे। इसी तरह आईटीआई में कार्यरत 350 प्रशिक्षण अधिकारी एवं 750 मेहमान प्रवक्ता, वन विभाग में सहायक प्रबंधक एवं कार्यालयीन संवर्ग के अनियमित कर्मचारी 576, सहकारिता विभाग के 522 से अधिक अनियमित कर्मचारी प्रभावित होंगे। कांग्रेस सरकार के वादा खिलाफी से अनियमित कर्मचारियों में असंतोष एवं आक्रोश व्याप्त है।