मणिपुर में जातीय हिंसा : अपील पर 990 हथियार और 13,526 गोला-बारूद सरकार को सौंपे

हिंसा से बचाने 349 राहत शिविरों के भरोसे 50000 से अधिक विस्थापित लोग हैं। वहीं संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान जारी है। अपील का असर हुआ है। लोग हथियार सरकार को सौंप रहे हैं।

मणिपुर में जातीय हिंसा : अपील पर 990 हथियार और 13,526 गोला-बारूद सरकार को सौंपे

इम्फाल, जनजागरुकता डेस्क। मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए 50,000 से अधिक लोग वर्तमान में राज्य भर के 349 राहत शिविरों में रह रहे हैं। राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री डॉ. आरके रंजन ने कहा कि सभी जिलों में विशेष रूप से संवेदनशील क्षेत्रों में तलाशी अभियान शुरू कर दिया गया है। इस दौरान 53 हथियार और 39 बम बरामद किए गए हैं। वहीं दूसरी ओर गृहमंत्री अमित शाह की अपील के चलते अब तक 990 हथियार और 13,526 गोला-बारूद सरकार को सौंपे गए हैं।

प्रभावित छात्रों की शिक्षा के लिए रोड मैप तैयार

जातीय संघर्षों के कारण प्रभावित हुए छात्रों की शिक्षा के लिए एक रोड मैप तैयार किया गया है और इसे जल्द ही सार्वजनिक किया जाएगा। जिला और क्लस्टर नोडल अधिकारियों को विशेष रूप से महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों के लिए खोले गए राहत केंद्रों की देख-रेख करने के लिए कहा गया है।

विस्थापित 50,698 लोग राहत शिविरों में

मंत्री के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, "जातीय हिंसा से विस्थापित कुल 50,698 लोग वर्तमान में 349 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं।" बयान में कहा गया है कि मई की शुरुआत में हिंसा भड़कने के बाद से 35,000 मीट्रिक टन निर्माण सामग्री, ईंधन और आवश्यक वस्तुओं को 2,376 ट्रकों में मणिपुर ले जाया गया है। रंजन ने कहा कि मौजूदा 242 बैंक शाखाओं में से कुल 198 अब चालू हैं और बाकी को जल्द से जल्द चालू कर दिया जाएगा।

अपील का असर, 990 हथियार सौंपे गए

सीएम एन बीरेन सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दोनों ने लोगों से हथियार डालने की अपील की है। इस अपील के चलते अब तक 990 हथियार और 13,526 गोला-बारूद सरकार को सौंपे गए हैं। लेकिन कुछ ऐसे लोग भी हैं जो हिंसा करने से बाज नहीं आ रहे हैं। 

शांति बहाल करने तलाशी अभियान

राज्य पुलिस के सहयोग से सेना और अर्धसैनिक बल समुदायों को बचाने और राज्य में शांति बहाल करने के लिए तलाशी अभियान चला रहे हैं।

मेइती समुदाय की मांग के विरोध में हुईं हिंसा

अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद पहली बार 3 मई को झड़पें हुईं। मेइती मणिपुर की आबादी का लगभग 53 प्रतिशत है और ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं। जनजातीय नागा और कुकी जनसंख्या का 40 प्रतिशत हिस्सा है और पहाड़ी जिलों में निवास करते हैं।

छीने हथियारों को वापस करने गुमनाम सुविधा का लाभ उठाया

इंफाल पूर्व के एक भाजपा विधायक के घर पर स्थापित सुरक्षा बलों से छीने गए हथियारों को वापस करने के लिए एक ड्रॉप बॉक्स स्थानीय युवाओं के लिए एक लोकप्रिय आकर्षण बन गया है, जिन्होंने परिष्कृत स्वचालित राइफलों सहित 130 हथियार जमा करने के लिए गुमनाम सुविधा का लाभ उठाया है। मणिपुर सरकार में मंत्री एल सुसिंद्रो मेइतेई के घर के बाहर एक ढके हुए शेड में एक बड़े पोस्टर पर अंग्रेजी और मेइती भाषा में लिखा हुआ है, 'कृपया छीने हुए हथियार यहां गिरा दें'।

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