चीन ने लोगों को संक्रमित करने तैयार किया था कोरोना वायरस
वुहान के शोधकर्ता का दावा है कि चीन ने कोविड-19 जैसा जैव हथियार तैयार किया था। वायरस फैलाने वायरोलॉजिस्ट का इस्तेमाल किया।
बीजिंग, जनजागरुकता वर्ल्ड डेस्क। कोरोना वायरस की उत्पत्ति चीन के वुहान शहर से हुई है। चीन ने इसे जानबूझकर कोविड-19 जैसा जैव हथियार तैयार कर इस्तेमाल किया। यह हम नहीं बल्कि वुहान शहर के एक शोधकर्ता ने बड़ा दावा करते हुए चीन पर लोगों को संक्रमित करने का आरोप लगाया है।
कोविड-19 चीन में लैब में बनाया गया
कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर दुनिया भर के वैज्ञानिकों के कई दावे सामने आ चुके है। वैज्ञानिकों ने दावा किया कोविड-19 चीन में लैब में बनाया गया। इसकी जांच के लिए यूएन की एक टीम भी वुहान लैब में परीक्षण के लिए गई थी। वहीं अब वुहान के एक शोधकर्ता ने बड़ा दावा करते हुए चीन पर लोगों को संक्रमित करने का आरोप लगाया है। साथ ही बताया कि ड्रैगन ने जानबूझकर कोविड-19 जैसा जैव हथियार तैयार किया।
शोधकर्ता चाओ शाओ ने साक्षात्कार में चौंकाने वाला खुलासा किया
वुहान के एक शोधकर्ता चाओ शाओ ने इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन के सदस्य जेनिफर जेंग के साथ एक साक्षात्कार में ये चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उनसे कहा कि कोरोनावायरस को चीन ने एक जैव हथियार के रूप में तैयार किया था। आगे उसने बताया कि उसके साथ काम करने वाले सहयोगियों को यह पता लगाने के लिए वायरस के चार प्रकार दिए गए थे कि कौन सा सबसे अच्छा फैल सकता है।
चार प्रकार के वायरस में ज्यादा प्रभावशाली कोरोनो वायरस
वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के एक शोधकर्ता ने कोरोनावायरस के बारे में आश्चर्यजनक दावे करते हुए बताया कि उनके एक सहयोगी शान चाओ ने उन्होंने बताया कि उसके एक सीनियर ने उसे कोरोनो वायरस के चार प्रकार दिए थे और परीक्षण कर पता लगाने के लिए कहा था कि उनमें कौन से ज्यादा प्रभावशाली है। उससे कहा गया था कि कौन से वायरस में अधिक से अधिक प्रजातियों को संक्रमित करने की क्षमता है और वायरस से मानव सहित अन्य प्रजातियों को संक्रमित करना कितना आसान है।
कोरोना वायरस एक जैव हथियार- चाओ शाओ
चाओ शाओ ने कोरोना वायरस को जैव हथियार बताया और एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि उनके कई सहयोगी वुहान में 2019 सैन्य विश्व खेलों के दौरान गुम हो गए थे, बाद में उनमें से एक ने बताया कि वह विभिन्न देशों से आए एथलीटों की जांच के लिए होटलों में गए थे। उन्होंने कहा कि ये बात समझनी चाहिए कि स्वास्थ्य जांच के लिए किसी वायरोलॉजिस्ट की आवश्यकता नहीं होती है। उन्हें वहां वायरस फैलाने के लिए वहां भेजा गया था।