वादे के बाद भी नियमितीकरण में मिला धोखा, अब 14 जुलाई को करेंगे “मुख्यमंत्री निवास का घेराव”
प्रदेश पर के शासकीय दफ्तरों में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों का गुस्सा चरम पर है। अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अब आरपार की लड़ाई में जुट गए हैं।
रायपुर, जनजागरुकता। सरकार बनने से पहले कांग्रेस ने नियमितीकरण का वादा किया था। पर साढ़े चार साल बाद भी भविष्य अधर में हो जाने से अनियमित कर्मचारी खासे परेशान हैं। वे छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के मार्गदर्शन में आरपार की लड़ाई में जुट गए हैं। नया रायपुर, तूता धरना स्थल पर आंदोलनरत रहे। वादा निभाओ की मांग करते हुए अब 14 जुलाई को मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने का निर्णय लिया गया है।
प्रांतीय संयोजक, छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा गोपाल प्रसाद साहू ने कहा कि प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों (संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका) अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर “छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन” के संयुक्त तत्वावधान में 14 जुलाई को धरना-प्रदर्शन करते हुए मुख्यमंत्री निवास का घेराव किया जाएगा।
आउट सोर्सिंग बंद करने की बजाय छंटनी
प्रांतीय संयोजक छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी फेडरेशन रामकुमार सिन्हा ने बताया कि कांग्रेस ने अपने "जन-घोषणा-पत्र" के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छंटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया है।
14 फरवरी 2019 को मंच से की गई थी घोषणा
धरना स्थल अनियमित मंच से 14 फरवरी 2019 को मुख्यमंत्री ने स्वयं वचन दिए थे कि इस वर्ष किसानों लिए है आगामी वर्ष कर्मचारियों का होगा। अनियमित संघों के आवेदनों का परीक्षण करने कमेटी बनाई गई, जो आज तक रिपोर्ट नहीं सौंप सकी है। अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष बाद भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही है।
इन वादों से मुकर गई कांग्रेस सरकार
वादा के विपरीत कांग्रेस की सरकार नियमितीकरण नहीं किया/आउटसोर्सिंग बंद नहीं किया, कर्मचारियों को मिलने वाला न्यूनतम वेतन एवं संविदा वेतन वृद्धि रोक दिया गया, कई विभागों से छटनियां कर दी गई है। समस्याओं के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री से मिलने अनेक प्रयास किये पर मुलाकात का समय नहीं दिया गया। सरकार द्वारा अनियमित कर्मचारियों की समस्याओं पर किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं होने से अनियमित कर्मचारी व्यथित एवं आक्रोशित हैं।
ये है अनियमित कर्मचारियों की 4 मांगें
सभी अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी/अधिकारीयों को नियमित किया जाए तथा नियमितीकरण तक स्थायीकरण किया जाए।
विगत वर्षों से निकाले गए/छंटनी किए गए अनियमित कर्मचारियों को बहाल कर छंटनी पर रोक लगाई जाए।
अंशकालिक कर्मचारियों को पूर्णकालीन किया जावे, जिससे उनकी चिंता दूर हो।
शासकीय सेवाओं में आउटसोर्सिंग/ठेका प्रथा को पुर्णतः समाप्त कर कर्मचारियों का समायोजन किया जाए तथा नियत अवधि में नियमित किया जाए।
अवकाश लेकर प्रदर्शन में शामिल हों
मोर्चा एवं फेडरेशन के पदाधिकारियों यथा प्रेम प्रकाश गजेन्द्र, कमलनारायण साहू, चितरंजन दास, मिलापचंद यादव उमेंद कुमार मार्कंडेय, मनोज सोना, राजेश गुप्ता, अरुण वैष्णव, राजेश गुप्ता, इंदु कश्यप, दोगेन्द्र जंघेल, राजकुमार साहू, युगल साहू , अशोक बघेल, आशीष पाण्डेय, भीमा राम तांदी, रामप्रसाद मंडावी, मनोज कुमार, दमेश्वर साहू , शांति लाल कुमेठी, विनोद बघेल, केदार सिंह राजपूत, रामसकल मिंज, नारायण मरकाम, गिरधर पटेल, आशीष तनेजा, महेंद्र शिवारे, तर्निश जांगड़े, हेमंत वर्मा, तापस राय ने सयुक्त रूप से प्रदेश के सभी अनियमित संगठनों एवं कर्मचारी/अधिकारियों से अपील/आह्वान किया है कि धरना-प्रदर्शन एवं मुख्यमंत्री निवास घेराव में “एक दिन का अवकाश लेकर” अधिक से अधिक संख्या में सम्मिलित हों।