शराब घोटाला : एससी ने ईडी के दावे पर लगाई रोक
प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में लगभग 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया था।
रायपुर, जनजागरुकता। प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ में 2 हजार करोड़ के शराब घोटाले का दावा किया था। इस दावे पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। मामले पर प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में लगभग 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया था।
प्रदेश में शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजय किशन कौल की डबल बेंच ने सुनवाई की है। मामले पर मंत्री शिव डहरिया ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रवर्तन निदेशालय की जांच पर रोक लगाए जाने पर कहा कि यह इस बात का प्रमाण है कि जो जांच की जा रही थी, वह पक्षपातपूर्ण थी। आरोप लगाया कि इस बात को भाजपा ने बड़ा मुद्दा बनाया, क्योंकि उनके द्वारा ही यह प्रायोजित था।
मंत्री डहरिया ने आगे कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने साबित कर दिया कि भाजपा का आरोप गलत था, और हमारी सरकार अच्छा काम कर रही है। हमको न्यायपालिका पर पूर्ण विश्वास है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा यहां कोई घोटाला हुआ ही नहीं है। जो घोटाले हुए हैं रमन सिंह के कार्यकाल में हुए। हम तो कहते रहे हैं कि ईडी उनकी जांच करे।
शराब घोटाला मामले पर प्रवर्तन निदेशालय ने शराब घोटाले में 5 आरोपियों के खिलाफ रायपुर में स्पेशल जज अजय सिंह राजपूत की अदालत में करीब 16 हजार पन्नों का चार्जशीट पेश किया था। मामले में ईडी ने अनवर ढेबर, नितेश पुरोहित, पप्पू ढिल्लन, अरविंद सिंह और अरुणपति त्रिपाठी को आरोपी बनाया है।
2019 से 2022 के बीच प्रदेश में हुआ था शराब घोटाला : ईडी
ईडी का दावा है कि साल 2019 से 2022 के बीच प्रदेश में बड़ा शराब घोटाला हुआ है। जिसमें 2 हजार करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। एजेंसी ने बताया कि अनवर ढेबर छत्तीसगढ़ में एक सिंडिकेट चला रहा है, जिसे बड़े नेताओं के साथ-साथ सीनियर अफसरों का भी समर्थन हासिल है। इसमें एक ऐसा नेटवर्क तैयार किया गया है कि छत्तीसगढ़ में बेचे जाने वाली शराब की हर बोतल पर अवैध वसूली की जा रही थी।