मुहर्रम- इमाम हुसैन की याद में राजधानी की सड़कों पर निकला मातमी जुलूस
मुहर्रम की 10वीं तारीख यौम-ए-आशुरा शनिवार को मनाया गया। मातमी जुलूस ईरानी इमाम बाड़ा, मोमिनपारा से निकलकर करबला तालाब पहुंचा।
रायपुर, जनजागरुकता। त्याग व बलिदान का पर्व मुहर्रम की 10वीं तारीख यौम-ए- आशुरा शनिवार को मनाया गया। इसमें शिया समुदाय की ओर से जुलूस व ताजिए निकालकर हजरत इमाम हुसैन व उनके 72 साथियों को याद किया गया। इस दौरान शिया समुदाय के लोग एक झुंड में इमाम हुसैन की याद में छाती पीटा गया। इसी तरह ताजिये की जुलूस ईरानी इमाम बाड़ा राजातालाब, मोमिनपारा से निकल कर आजाद चौक, आमापारा, विवेकानंद आश्रम होते हुए चौबे कालोनी स्थित करबला तालाब पहुंचा।ताजिए लेकर आए सभी शिया समुदाय के लोगों ने करबला तालाब में ठंडा कर किया।
बलिदानियों का गम मनाने के लिए पहनते हैं काला लिबास
शिया समुदाय में कर्बला के बलिदानियों का गम मनाने के लिए पुरुष जहां रंग-बिरंगे लिबास उतारकर काला लिबास धारण करते हैं, वहीं महिलाएं भी इस गम के दिन को मनाती हैं। मुहर्रम के चलते घरों, मस्जिदों, इमामबाड़ा में गम मजलिसों का दौर जारी रहता है। इस मुहर्रम को देखने के लिए आसपास के लोग बड़ी संख्या में आते हैं। हिन्दू धर्म के लोग भी ताजिये को शुभ मानते हुए नारियल चढ़ाते हैं। कई लोग ताजिये से होकर गुजरते हैं। जिसके कारण सड़क के दोनों किनारे भीड़ देखने को मिलती है।
पुलिस की तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था
इधर पुलिस व जिला प्रशासन ने मुहर्रम को देखते हुए सुरक्षा की चाक चौबंद व्यवस्था की थी। मुहर्रम के ताजिये व जुलूस निकलने वाले सभी चौक चौराहों पर पुलिस बल तैनात किए गए थे। ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी को टाला जा सके।