असम में दहशत फैलाने वाले हिरासत से भागने की कोशिश की, तो पुलिस ने गोली मारी
दहशतगर्दों पर नियंत्रण करने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है। विस्फोटक व हथियार जब्त किया गया है।
असम, जनजागरुकता डेस्क। हाल ही में जोरहाट में गिरफ्तार किया गया लिंकमैन जांच के दौरान भागने की कोशिश की, तो पुलिस ने गोली मार दी। उसके द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर तिनसुकिया जिले के मामोरोनी गांव में तलाशी अभियान चलाया जा रहा था। इसी दौरान अंधेरे का फायदा उठाना चाहता था।
रविवार को यह प्रक्रिया जारी थी। प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम-इंडिपेंडेंट (उल्फा-आई) केा यह संदिग्ध लिंकमैन पुलिस को धोखा देना चाह रहा था। पुलिस ने उसके पैर में गोली मारकर घायल कर दिया।
असम को शांत करने की कोशिश जारी है। इसी के तहत संदिग्धों व हथियों की तलाशी जारी है। इस दौरान 8 पीईके (प्लास्टिक विस्फोटक किर्के), 1 डेटोनेटर और 6 बैटरियों सहित विस्फोटकों का एक जखीरा जब्त किया गया। साथ ही दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया।
संदिग्ध गतिविधियों पर चेतावनी
गिरफ्तार संदिग्ध लिंकमैन ने अधिकारी को बताया कि पास में और विस्फोटक है। इसलिए उसे वहां ले गए थे। उसके बाद जैसे ही टीम मौके पर पहुंची उसने अंधेरे का फायदा उठाना चाहा। भागने से रोकने के लिए गोलियां चलानी पड़ी। पैर में गोली लगी है जिसे अस्पताल ले जाया गया है। जबरन वसूली अभियान और गिरफ्तारियों का जिक्र करते हुए पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने बीते रविवार को उल्फा जैसे प्रतिबंधित संगठन के नाम पर किसी भी गतिविधि के खिलाफ चेतावनी दी थी।
संदिग्धों पर सख्त कार्रवाई करें- डीजीपी
डीजीपी ने कहा था कि ये माध्यम धन एकत्र करने, आतंकवाद की आय का इस्तेमाल करने आदि के लिए है और उल्फा के लिए धन एकत्र करने में शामिल व्यक्तियों की संपत्ति जब्त हो सकती है, चाहे वह वास्तविक हो या नकली। डीजीपी ने कहा था कि जिला पुलिस और सुरक्षा बलों को निर्देश दिया गया है कि वे जबरन वसूली की मांग करने और/या इस तरह के धन की वसूली में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें।