वादा खिलाफी से आक्रोशित हैं अनियमित कर्मचारी, 6 अगस्त को जेल भरो आन्दोलन
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने कहा है सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने धोखा दिया है।
रायपुर, जनजागरुकता। सरकार बनने के बाद कांग्रेस से हमें धोखा मिला है। मंचों पर आकर कांग्रेस नेता वादा करते रहे हैं कि हमारी सरकार के आने के बाद 10 दिनों के अंदर अनियमित कर्मचारियों को नियमित कर देंगे। उक्त बातें बताते हुए छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने आगे कहा हमारा जीवन अधर में लटकाकर रख दिया गया।
साहू ने कहा वादे से मुकरी सरकार अब दमन की राजनीति पर उतर गई है। मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे अनियमित कर्मचारियों से ज्यादती की जा रही है। उन्हें दबाने फरमान जारी किया गया है। वादे के विपरीत उन्हें कार्य से निकाला जा रहा है। गोपाल साहू ने कहा अब तो जेल भरो आंदोलन किया जाएगा। 6 अगस्त को पूरे प्रदेश भर से अनियमित कर्मचारी शामिल होंगे।
छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा के प्रांतीय संयोजक गोपाल प्रसाद साहू ने बताया कि कांग्रेस सरकार प्रदेश के अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने, आउट सोर्सिंग बंद करने तथा छटनी किये गए कर्मचारियों को रोजगार देने में टाल-मटोल कर रही है।
इन संगठनों के साथ करेंगे प्रदर्शन
प्रदेश में कार्यरत अनियमित कर्मचारियों- संविदा, दैनिक वेतन भोगी, कलेक्टर दर, श्रमायुक्त दर पर श्रमिक, प्लेसमेंट, मानदेय, अशंकालिक, जाबदर, ठेका, सेवा प्रदाता अपने नियमितीकरण सहित 4 सूत्रीय मांगों को लेकर “छत्तीसगढ़ अनियमित कर्मचारी मोर्चा एवं छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन” तथा नगर निगम अनियमित कर्मचारी महासंघ के संयुक्त तत्वावधान में 6 अगस्त को धरना-प्रदर्शन करते हुए एकजुट होंगे। वहीं जेल भरो आन्दोलन करेंगे। इसका निर्णय 23 जुलाई को आयोजित बैठक में लिया गया है।
आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा भी भूली
छत्तीसगढ़ आउट सोर्सिंग/ठेका कर्मचारी फेडरेशन के प्रांतीय संयोजक राजेश गुप्ता ने बताया कि कांग्रेस ने अपने "जन-घोषणा-पत्र" के बिंदु क्रमांक 11 एवं 30 में अनियमित, संविदा एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को नियमित करने, छंटनी न करने तथा आउट सोर्सिंग बंद करने का वादा किया था। अद्यतन लगभग साढ़े चार वर्ष उपरांत भी प्रदेश के अनियमित कर्मचारी (संविदा, दैनिक वेतन भोगी/कलेक्टर दर/श्रमायुक्त दर पर कार्यरत श्रमिक, प्लेसमेंट (आउटसोर्सिंग) / मानदेय, जॉबदर, अंशकालीन, ठेका) अनियमित ही हैं।
सरकार की मंशा संवेदनशील नहीं
प्रेम प्रकाश गजेन्द्र ने कहा कि सरकार ने केवल संविदा वेतन में 27 प्रतिशत एवं दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को 4 हजार सम्मान निधि देने की घोषणा की है। परन्तु इस घोषणा से अनियमित कर्मचारी संतुष्ट नहीं हैं। वे भविष्य देख रहे हैं। सचिन शर्मा ने बताया कि सरकार गैर वित्तीय वाले मांग को भी पूरा नहीं कर पा रही है, इससे सरकार के मंशा का पता चलता है कि वह अनियमित कर्मचारियों के प्रति संवेदनशील नहीं है।