जेल में शिक्षा, स्वास्थ्य व सफाई की सुविधा पर चीफ जस्टिस ने किया संतोष व्यक्त

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा केंद्रीय जेल रायपुर के निरीक्षण में पहुंचे। इस दौरान तमाम बड़े अफसर मौजूद रहे।

जेल में शिक्षा, स्वास्थ्य व सफाई की सुविधा पर चीफ जस्टिस ने किया संतोष व्यक्त

रायपुर/बिलासपुर, जनजागरुकता। हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा से शनिवार को रायपुर स्थित पहुना गेस्ट हाउस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सौजन्य मुलाकात की। इस दौरान मुख्य न्यायाधीश श्री सिन्हा ने मुख्यमंत्री से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय सहित अधीनस्थ न्यायालयों के विभिन्न विषय जो कि शासन के समक्ष लंबित है, उन पर औपचारिक चर्चा हुई। मीटिंग के तुरंत बाद मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा औचक निरीक्षण के लिए केन्द्रीय जेल, रायपुर पहुंचे और वहां उन्होंने पुरुष बंदीगृह के सभी बैरकों का निरीक्षण किया और महिला बंदीगृह की स्थिति जानी। 

सिन्हा ने जेल के अस्पताल का किया मुआयना 

हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने जेल के अस्पताल का भी निरीक्षण किया। जेल में स्थायी रूप से चिकित्सक की नियुक्ति होना पाया गया। चिकित्सक से उन्होंने बंदियों को दी जा रही चिकित्सा सुविधा व दवाईयों की जानकारी ली तथा बंदियों से भी इस संबंध में पूछताछ की गई।

जेल मेन्युअल के अनुरूप सुविधाओं की वास्तविक स्थिति जानी

चीफ़ जस्टिस ने जेल में वीडियो कान्फ्रेसिंग रूम, विधिक प्रकोष्ठ का निरीक्षण कर जानकारी प्राप्त की। जेल की केन्टिन, बंदियों द्वारा संचालित प्रिटिंग प्रेस, सिलाई-बुनाई कक्ष, शिक्षा केन्द्र इत्यादि का भी निरीक्षण किया। बंदियों से बातचीत करते हुए जानकारी प्राप्त की कि उन्हें जेल मेन्युअल के अनुरूप सुविधाएं मिल रही है या नहीं। बच्चों के साथ रहने वाली महिला बंदियों के बारे में उन्होंने जेल अधीक्षक से बंदियों के बच्चों को मिलने वाली सुविधाएं जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा और उनके सर्वांगीण विकास के लिए व्यवस्था की जानकारी ली।

जेल में होती है बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई 

जेल अधीक्षक के द्वारा बताया गया कि जेल में पहली कक्षा से लेकर बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिए शासन से मान्यता प्राप्त स्कूल संचालित है, जिसमें संस्कृत की शिक्षा भी दी जा रही है। मुख्य न्यायाधीश द्वारा स्कूल का भी निरीक्षण किया गया। जेल में शिक्षा, स्वास्थ्य व साफ-सफाई की सुविधा पर उन्होंने संतोष व्यक्त किया। निरीक्षण के समय वहां जेल अदालत चल रही थी। भूपेन्द्र कुमार वासनीकर, सीजेएम रायपुर द्वारा प्रकरणों में सुनवाई की जा रही थी। 

जेल बंदी की अपील न्यायालय को अवगत कराएं

उन्होंने जेल अधिकारियों को निर्देशित किया कि यदि किसी बंदी की अपील न्यायालय के समक्ष दो बार प्रस्तुत की गई है तो उस विषय की जानकारी त्वरित रूप से संबंधित न्यायालय को अवगत कराएं। साथ ही उनके द्वारा यह भी जानकारी ली गई कि कितने बंदियों को विधिक सेवा प्रदान की जा रही है।

जेल की क्षमता से दुगुना है बंदी

जेल अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में जेल की क्षमता कुल 1586 बंदियों की है जबकि जेल में बंदियों की कुल संख्या 3267 है जिसमें से पुरुष बंदियों की संख्या 3117 तथा महिला बंदियों की संख्या 150 है। निरीक्षण के समय कमिश्नर डॉ. संजय कुमार अलंग, आईजी रतनलाल डांगी, डीआईजी जेल सह केन्द्रीय जेल अधीक्षक एसएस तिग्गा, एसएसपी प्रशांत अग्रवाल, जेलर एमएन प्रधान मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल अरविन्द कुमार वर्मा, विधि विभाग, रायपुर के प्रमुख सचिव रजनीश श्रीवास्तव एवं एडिशनल रजिस्ट्रार सह पीपीएस एमवीएलएन सुब्रहमन्यम भी उपस्थित थे। गौरतलब है कि माननीय मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा के मात्र 03 माह के कार्यकाल में ही अनेकों न्यायालयों व जेलों का औचक निरीक्षण करते हुए व्यवस्था में सुधार के लिए वश्यक निर्देश जारी कर चुके हैं जिसके सकारात्मक परिणाम भी मिलने शुरू हो गये हैं।

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