चीन का 'जासूसी जहाज' श्रीलंका पहुंचा, भारत की तीखी नजर
कर्ज देकर श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह में चीन ने कब्जा किया। चीन अपनी हरकत के तहत हिंद महासागर में जासूसी करने के फिराक में है।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। कर्ज में डूबे श्रीलंका चाहकर भी चीन से पीछा नहीं छुड़ा पा रहा है। श्रीलंका की पूर्ववर्ती महिंद्रा राजपक्षे सरकार ने चीन को कर्ज के बदले हंबनटोटा बंदरगाह सौंपा था, लेकिन अमेरिका और भारत के विरोध के कारण चीन इसे नौसैनिक अड्डा नहीं बना पा रहा है। ऐसे में चीन लगातार अपने युद्धपोतों को श्रीलंका के अलग-अलग बंदरगाहों पर रखकर बड़ी आसानी से हिंद महासागर में जासूसी करने में लगा हुआ है।
भारत के लिए जासूसी जहाज बना सिरदर्द
इसी कड़ी में अब चीन का एक जासूसी जहाज श्रीलंका के कोलंबो बंदरगाह पहुंच गया है। श्रीलंकाई नौसेना ने इसका स्वागत किया। लेकिन भारत के लिए चीन का यह जासूसी जहाज सिरदर्द बना हुआ है। चीन इसे पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नेवी का रिसर्च एंड सर्वे जहाज बताता है। कोलंबो पहुंचे 129 मीटर लंबे जहाज पर 138 लोगों का दल सवार है। इसकी कमान कमांडर जिन शिन के पास है। इस बीच, जहाज 12 अगस्त को श्रीलंका से प्रस्थान करेगा। बता दें श्रीलंका की विदेश नीति आजकल बीजिंग से तय हो रही है।
हिंद महासागर में भी नौसैनिक शक्ति बढ़ाने के फिराक में
बता दें, हिंद महासागर का विश्व के कुल समुद्री व्यापार में 50 फीसदी की हिस्सेदारी है। खाड़ी देशों से होने वाले ऊर्जा निर्यात का एक बहुत बड़ा हिस्सा हिंद महासागर से होकर गुजरता है। इसके अलावा इस क्षेत्र में अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और भारत के कई महत्वपूर्ण नौसैनिक अड्डे भी मौजूद हैं। चीन की कोशिश है कि वह हिंद महासागर में अपनी उपस्थिति बढ़ाकर इन देशों के खिलाफ एक प्रभावी नौसैनिक शक्ति खड़ा कर सके। इसी के तहत चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी नौसेना का युद्धपोत HAI YANG 24 HAO 10 अगस्त 2023 को औपचारिक यात्रा पर कोलंबो बंदरगाह पर पहुंचा। कोलंबो पहुंचे 129 मीटर लंबे जहाज पर 138 लोगों का दल सवार है और इसकी कमान कमांडर जिन शिन के पास है।