श्रीकृष्ण जन्माष्टमी.. 30 वर्षों बाद बना विशेष संयोग, बड़ा शुभ अवसर

पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात 12 बजे रोहिणी नक्षत्र के संयोग में हुआ था।

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी.. 30 वर्षों बाद बना विशेष संयोग, बड़ा शुभ अवसर

जीवन मंत्र.. मानें चाहे न मानें..

जनजागरुकता, धर्म डेस्क। पूरे विश्व में भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष का कृष्ण जन्माष्टमी बहुत ही खास है क्योंकि एक साथ कई तरह के अद्भुत योग बन रहे हैं।

वर्षों बाद कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व रोहिणी नक्षत्र में मनाया जा रहा है। पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात 12 बजे रोहिणी नक्षत्र के संयोग में हुआ था। श्रीकृष्ण जन्मोत्सव इस बार श्रीकृष्ण दो दिनों का रहा। 6 सितंबर को भी लोग धार्मिक पर्व मनाया। आज 7 सितंबर को भी मनाया जाएगा।

वर्षों बाद बना दुर्लभ संयोग

पुराणों के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रात 12 बजे रोहिणी में हुआ था। इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी रोहिणी नक्षत्र में ही पड़ रहा है। इस तरह से यह एक दुर्लभ संयोग 30 वर्षों बाद बन रहा है। इसके अलावा 06 सितंबर को पूरे दिन अष्टमी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहा। वहीं इस योग के दौरान चंद्रमा वृषभ राशि और रोहिणी नक्षत्र का संयोग रहेगा।

माखन-मिश्री का अर्पण शुभ 

जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण का शृंगार करने के बाद उन्हें अष्टगंध, चन्दन, अक्षत और रोली का तिलक लगाकर माखन-मिश्री और अन्य भोग सामग्री अर्पित करना शुभ माना गया है।

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