ट्रैफिक नहीं नीचे देखकर चलें, बेहाल सड़कों में चारों ओर गड्ढे ही गड्ढे
शहर ट्रैफिक का कोई माईबाप नहीं है। शहर के गड्ढों की वजह से ऐसा लगता है मानों शहर का ट्रैफिक रेंग रहा है।
रायपुर, जनजागरुकता। राजधानी की सड़कों का हाल बेहाल है। शहर के जिस सड़क पर जाओ उधर सिर्फ गड्ढे के अलावा कुछ नजर नहीं आता है। वहीं शहर ट्रैफिक का कोई माईबाप नहीं है। शहर के गड्ढों की वजह से ऐसा लगता है मानों शहर का ट्रैफिक रेंग रहा है। मुख्य सड़कों से लेकर रिंग रोड में आएदिन जाम की स्थिति देखने को मिलती है। इसके चलते वाहन चालकों को रोजाना परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
आम लोगों को शहर के एक सिरे से दूसरे सिरे तक पहुंचने में घंटो का समय लग रहा है। यह स्थिति सुबह से लेकर देर शाम तक रहती है। सड़कों के गड्ढों में तब्दील होने से शहर के किसी भी सड़क पर वाहन चलाना खतरे से खाली नहीं रह गया है। गड्ढों में पानी भरे रहने के कारण लोग उसमें गिरकर घायल हो रहे हैं। हालात यह है कि लोगों का पैदल चलना भी दूभर हो गया है।
जिधर जाओ उधर नजर आएंगे गड्ढे
राजधानी की व्यस्त सड़कें हों या गलियों की, सभी तरफ आप को गड्ढे ही नजर आएंगे। शहर विकास कार्यों के नाम पर, तो कहीं जल जीवन मिशन के नाम पर, ऐसी कोई सड़कें नहीं बचीं हैं जहां गड्ढे न छोड़े गए हों। काम पूरा होने के बाद भी गड्ढों को भरा नहीं जा रहा है। ऐसे में कह सकते हैं कि इसे गिरने और दुर्घटना के लिए छोड़ दिया गया है।
प्रशासन की अनदेखी से स्थिति जानलेवा
जिन इलाकों में काम चालू है, वहां कार्य के लिए समय सीमा निर्धारित ही नहीं की गई है। ऐसे में परेशानी आम राहगीरों और मोहल्लेवासियों को उठानी पड़ रही है। इन खुले गड्ढों से लोगों को बचाने के लिए कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं। प्रशासन द्वारा किसी भी प्रकार का बैरीकेट नहीं लगाया गया है। प्रशासन व्दारा बरती जा रही इस तरह की लापरवाही जनता के जान को जोखिम में डालने जैसा है।
राजधानी की सड़कों का ये हाल तो..
बता दें कि राजधानी रायपुर के एमजी रोड को जोड़ने वाली पांचों सड़कें, कोतवाली चौक से सदर बाजार होते हुए आजाद चौक तक, बुढ़ा मंदिर चौक से लेकर लाखेनगर चौक, भाठागांव बस टर्मिनल, शास्त्री चौक, बंजारी चौक से जीई रोड, शास्त्री बाजार से मालवीय रोड तक सड़कों में गड्ढे ही गड्ढे हैं। यही हाल शहर के अन्य क्षेत्रों में देखने को मिल जाएगा। अगर प्रदेश की राजधानी रायपुर का ये हाल है तो अन्य क्षेत्रों के विकास का अंदाजा आप लगा सकते हैं।