भारत-रूस संबंध स्थिर बने हुए हैं, बरत रहे हैं सावधानी- एस जयशंकर

विश्व राजनीति के पिछले 70 वर्षों में, अमेरिका-रूस, रूस-चीन, यूरोप-रूस, इनमें से लगभग हर रिश्ते में बहुत बड़े उतार-चढ़ाव आए हैं।

भारत-रूस संबंध स्थिर बने हुए हैं, बरत रहे हैं सावधानी- एस जयशंकर

नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत-रूस संबंधों पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि विश्व राजनीति के पिछले 70 वर्षों में, अमेरिका-रूस, रूस-चीन, यूरोप-रूस, इनमें से लगभग हर रिश्ते में बहुत बड़े उतार-चढ़ाव आए हैं। उस रिश्ते में बहुत बुरे दौर भी आए हैं और अच्छे दौर भी आए हैं, लेकिन भारत-रूस के संबंध वास्तव में बहुत, बहुत स्थिर रहे हैं।

78वें संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र को संबोधित करने के कुछ घंटे बाद जयशंकर ने  कहा कि मुझे लगता है कि दोनों देशों में यह समझ है कि एशियाई महाद्वीप में बड़ी शक्तियों के रूप में, साथ आने की चाहत के लिए एक तरह का संरचनात्मक आधार है और इसलिए हम बहुत सावधानी बरतते हैं, ताकि संबंध बरकरार रहें।

भारत-रूस संबंधों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर कहा है कि दोनों के संबंध बहुत स्थिर बने हुए हैं और यह बरकरार रहें। उन्होंने आगे कहा कि रूस वास्तव में एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों की ओर रुख कर रहा है। रूस-चीन की इसमें एक विशेष प्रोफाइल होगी, एक विशेष प्रमुखता होगी, लेकिन मैं यह भी कहूंगा कि रूस के साथ हमारे अपने संबंध 50 के दशक के मध्य से बेहद स्थिर रहे हैं और अगर आप देखें तो यह दिलचस्प है।  उन्होंने कहा है कि दोनों के संबंध बहुत स्थिर बने हुए हैं और यह बरकरार रहें, इसे सुनिश्चित करने के लिए हम बहुत सावधानी बरत रहे हैं।

मॉस्को एशिया और दुनिया के हिस्सों की ओर रुख

विदेश संबंध परिषद में मंगलवार को यहां एक बातचीत के दौरान, जयशंकर ने कहा कि फरवरी 2022 के यूक्रेन युद्ध के मद्देनजर यूरोप और पश्चिम के साथ रूस के संबंध इतने गंभीर रूप से बाधित हो गए हैं कि मॉस्को वास्तव में एशिया और दुनिया के अन्य हिस्सों की ओर रुख कर रहा है।

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