9 जिले सबसे संवेदनशील- खुफिया पुलिस ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, रासुका की समय सीमा में वृद्धि

रिपोर्ट सौंपकर अलर्ट किया है कि प्रदेश के एक दर्जन इलाके बेहद संवेदनशील है। जहां माहौल खराब करने की कोशिश हो सकती है।

9 जिले सबसे संवेदनशील- खुफिया पुलिस ने सरकार को सौंपी रिपोर्ट, रासुका की समय सीमा में वृद्धि

रायपुर, जनजागरुकता। प्रदेश सरकार को खुफिया विभाग ने एक रिपोर्ट सौंपकर अलर्ट किया है कि प्रदेश के एक दर्जन इलाके बेहद संवेदनशील है। जहां माहौल खराब  करने की कोशिश हो सकती है। बिरनपुर की घटना के बाद पुलिस अलर्ट मोड़ पर है। संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ रासुका के अधिकार सीमा को और बढ़ा दिया है। मामूली विवाद भी राजनीतिक दखलंदाजी की वजह से बड़ा रूप ले सकती है। कुछ संगठन दल विशेष को फायदा पहुंचाने के लिए ध्रुवीकरण की कोशिश कर सकते हैं। 

9 जिले सबसे ज्यादा संवेदनशील

खुफिया विभाग ने सरकार को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके मुताबिकअतिवादी संगठन आने वाले समय में कई जगहों पर माहौल खराब करने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे 9 स्थानों को चिन्हित किया जहां माहौल खराब करने की कोशिश सबसे ज्यादा हो सकती है। ये स्थान कांकेर, केशकाल, कोरबा, अंबिकापुर, बेमेतरा, बालोद, कवर्धा, दुर्ग और रायपुर है जो बेहद संवेदनशील है। पूरे प्रदेश में 31 स्थानों का इनपुट मिले हैं। जहां गड़बड़ी की संभावना है।  किरनपुर और कवर्धा जैसी वारदात कहीं और ना हो इसे लेकर पुलिस-प्रशासन दोनों सतर्क है। वहीं संदिग्ध गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ रासुका के अधिकार सीमा में भी बढ़ोतरी कर दी गयी है।

रासुका को 30 जून तक बढ़ाया गया

31 मार्च को जारी अधिसूचना के मुताबिक इसमें बताया गया है कि राज्य सरकार के पास ऐसी रिपोर्ट है कि कतिपय तत्व सांप्रदायिक मेल-मिलाप को संकट में डालने के लिए, लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाला कोई कार्य करने के लिए सक्रिय हैं, अथवा उनके सक्रिय होने की संभावना है। ऐसे में सरकार रासुका लगा रही है। राज्य सरकार ने रासूका की समयावधि को 1 अप्रैल से 30 जून तक के लिए बढ़ा दिया है। 

पुलिस को कभी भी गिरफ्तारी का अधिकार

छत्तीसगढ़ में सांप्रदायिकता फैलाने वालों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत अब 30 जून तक कार्रवाई की जाएगी। राज्य सरकार की ओर से जिलों के कलेक्टर को आदेश जारी कर दिया गया है। इसमें पुलिस को कभी भी गिरफ्तारी का अधिकार होगा। पकड़े गए आरोपी को एक साल तक हिरासत में रखा जा सकेगा और जमानत भी मुश्किल होगी। 

31 जिलों में साजिश के इनपुट

गृह विभाग को प्रदेश के 31 जिलों से साजिश के इनपुट मिले हैं।जिन जिलों के कलेक्टर को आदेश जारी किया गया है उनमें, रायपुर, बिलासपुर, राजनांदगांव, दुर्ग, रायगढ़, सरगुजा, जशपुर, कोरिया, जांजगीर-चांपा, कोरबा, कबीरधाम, महासमुंद, धमतरी, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, बीजापुर, नारायणपुर, सुकमा, कोंडागांव, बलौदाबाजार, गरियाबंद, बेमेतरा, बालोद, मुंगेली, सूरजपुर, बलरामपुर, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई, सारंगढ़-बिलाईगढ़, मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर शामिल है। 

कानून-व्यवस्था में बाधा डालने वालों पर गिर सकती है गाज

जिला प्रशासन को ये लगे कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने में बाधा खड़ा कर रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करने का आदेश दे सकती है। साथ ही, अगर उसे लगे कि वह व्यक्ति आवश्यक सेवा की आपूर्ति में बाधा बन रहा है तो वह उसे गिरफ्तार करवा सकती है। जमाखोरों की भी गिरफ्तारी की जा सकती है। कानून का उपयोग जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकती है।

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