नवरात्रि पर एक मां प्रताड़ित- टोनही के नाम पर नंगे पांव कीलों पर चलवाया, धधकते अंगारों पर पांव रखवाया
मामला इतना गंभीर है कि पुलिस ने तत्काल आरोपियों को हिरासत में लेकर न्यायालय में पेश किया। जहां से बैगा सहित देवरानी, जेठानी व देवर को जेल भेजा गया।
दुर्ग, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ में आज भी अंधविश्वास सिर चढ़कर बोलता है। कानून बने, शासन-प्रशासन ने जागरुकता अभियान चलाया, पर आज भी लोग अपनी मानसिकता नहीं बदल पा रहे हैं। इसी का नतीजा सामने आया है कि एक महिला नवरात्रि के समय प्रताड़ित हुई है। टोनही के नाम पर एक महिला को नंगे पांव कीलों पर चलवाया गया। और अंगारों पर चलवाया गया। ऐसा उनके ही परिवार ने किया।
स्थिति ऐसी हो गई है कि महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। वहीं सूचना पर पुलिस ने उनका बयान दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई की है। मामले में देवरानी, जेठानी और देवर सहित नाबालिग बैगा पर अपराध कायम कर गिरफ्तारी के बाद जेल भेज दिया गया।
दुर्ग पुलिस के अनुसार परिवार के लोगों ने ही महिला को टोनही कहकर प्रताड़ित करते थे। उसके इंकार करने पर बैगा के पास ले जाया गया। बैगा के जरिए उसे नंगे पांव लोहे के किल पर और फिर धधकते अंगारों पर चलाया गया। इससे उसकी हालत खराब हो गई और उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां से पुलिस को सूचना दी गई।
देवर, देवरानी और जेठानी ने लगाया आरोप
दुर्ग जिले में टोनही प्रताड़ना के गंभीर मामले में करहीडीह में रहने वाली महिला के साथ घटना घटी है। जिला अस्पताल में पुलिस को दिए बयान में बताया कि उसके देवर नाथू निषाद, देवरानी यामिनी निषाद और जेठानी दुर्गा निषाद लगातार उस पर आरोप लगाते थे कि वह टोनही है। आरोपों पर वह परेशान रहती थी। परिजनों से कहती थी कि ऐसा कुछ नहीं है ना ही वह इस तरह की कोई हरकत करती है। फिर भी परिवार वाले नहीं माने।
आरोपी देवरानी, जेठानी, देवर।
नाबालिग बैगा ने फूक-झाड़ के बाद कीलों पर चलवाया
महिला के बयान के अनुसार उसे टोनही के नाम पर दुर्ग में कैलाश नगर में रहने वाले नाबालिग बैगा के पास ले जाया गया। परिवार ने आरोप लगाते हुए बैगा को पूरी जानकारी दी। इस पर बैगा ने पहले तो झाड़-फूंक की और फिर उसे किलों पर नंगे पैर चलवाया। इतने से भी जब बैगा को संतुष्टि नहीं मिली तो उसने उसे धधकते अंगारों पर चलवाया। जिससे उसके पैर बुरी तरह झुलस गए। पैरों से खून निकलने लगा।
घायल अवस्था में अस्पताल दाखिल
यह घटना होने के बाद घायल अवस्था में उसे तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उसका इलाज जारी है। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने ममता के लहूलुहान पैरों को देखा तो वे माजरा समझ गए। डॉक्टरों ने स्थानीय पुलिस को सूचना दी। पुलिस के जवान तत्काल मौके पर पहुंचे और उससे पूछताछ की गई।
न्यायालय में प्रस्तुत कर जेल भेजा गया
मामले पर पीड़िता ने पुलिस की पूछताछ में पूरी घटना बताई। पुलिस ने उसका बयान दर्ज कर लिया और उसकी देवरानी, जेठानी, देवर और बैगा को हिरासत में लेकर उनके खिलाफ टोनही प्रताड़ना निवारण अधिनियम 324, 34, 4, 5, 6 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया गया। तत्काल न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां से न्यायालय ने उन्हें तत्काल जेल भेज दिया।