PHD की 800 सीटों पर होंगे दाखिले, जानिए कैसे होंगे सेलेक्शन..

इस साल बीएचयू (BHU) के पीएचडी (PHD) कोर्स में प्रवेश और इंटरव्यू की प्रक्रिया हर बार से अलग होगी। इस सत्र में बीएचयू (BHU) के रेट (रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट) एग्जाम की व्यवस्था नहीं है। हर बार रेट और रेट एगजम्पटेड (Exempted) के आधार पर एडमिशन मिलते थे।

PHD की 800 सीटों पर होंगे दाखिले, जानिए कैसे होंगे सेलेक्शन..
PHD की 800 सीटों पर होंगे दाखिले, जानिए कैसे होंगे सेलेक्शन..

उत्तरप्रदेश, जनजागरूकता। बीएचयू (BHU) में बीती रात यूजीसी (UGC) नेट का रिजल्ट जारी होने के बाद अब पीएचडी एडमिशन (PHD admission) प्रक्रिया को ग्रीन सिग्नल मिल गया है। इस साल करीब 800 सीटों पर एडमिशन होंगे। परीक्षा नियंत्रक प्रो. एनके मिश्र (Pro. NK Mishra) ने कहा कि अब एनटीए यूजीसी (NTA UGC) नेट रिजल्ट का डेटा शेयर करेगा। दो दिन छुट्टी रहेगी। डेटा आते ही लाइव कर दिया जाएगा। बुलेटिन वेबसाइट पर अपलोड होगी। 

इस साल बीएचयू (BHU) के पीएचडी (PHD) कोर्स में प्रवेश और इंटरव्यू की प्रक्रिया हर बार से अलग होगी। इस सत्र में बीएचयू (BHU) के रेट (रिसर्च एंट्रेंस टेस्ट) एग्जाम की व्यवस्था नहीं है। हर बार रेट और रेट एगजम्पटेड (Exempted) के आधार पर एडमिशन मिलते थे। 

जेआरएफ और नेट पास करने वालों को रेट एगजम्पटेड में रखा जाता था। वहीं, रेट का एग्जाम बीएचयू ही कराता था। इस बार केवल यूजीसी नेट-जेआरएफ की परीक्षा में शामिल अभ्यर्थियों को ही मौका मिलेगा। इससे उन्हें काफी आसानी होगी।

तीन कैटेगरी में रिजल्ट, दो आधार पर सेलेक्शन

इस साल तीन कैटेगरी में रिजल्ट आया है। एडमिशन दो ही आधार पर मिलेगा। पहला आधार- सिर्फ जेआरएफ और दूसरा नेट क्वालिफाइड या पीएचडी के योग्य हो। जो उम्मीदवार जेआरएफ पास हैं, उनका सेलेक्शन सिर्फ इंटरव्यू में मिले अंकों के आधार पर होगा। जो नेट या केवल पीएचडी के लिए क्वालिफाई किए हैं, उनके एडमिशन नेट की परीक्षा और इंटरव्यू के अंक को मिलाकर होंगे। एक सीट पर पांच उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया है। 

काशी के 100 छात्रों को सिखाई शास्त्रार्थ परंपरा

बीएचयू में 100 से अधिक छात्रों ने काशी की शास्त्रार्थ परंपरा का अध्ययन किया। संस्कृत विद्या धर्म विज्ञान संकाय में शुक्रवार को शास्त्रार्थ सभा का आयोजन हुआ। काशी की शास्त्रार्थ परंपरा के संरक्षण और संवर्धन के लिए मीमांसा, न्याय, व्याकरण और वेदांत विषय के छात्रों को शास्त्रार्थ के बारे में बताया गया। रामकृष्ण मिश्र ने ब्रह्म की सत्ता का अद्वैत वेदांत के सिद्धांतों को समझाया।

कहा कि यह समस्त संसार परमात्मा पर आश्रित है। उसी की सत्ता से संसार की सत्ता प्रतीत होती है। कर्नाटक से आए 14 साल के छात्र सात्विक जाडियाल ने न्यायशास्त्र के हेत्वाभास पर चर्चा की। नेपाल से अध्ययन करने काशी आए वसंत सुवेदी और अभिषेक सुवेदी ने व्याकरणशास्त्र के सूत्रों की व्याख्या की। अन्नपूर्णा मंदिर के महंत स्वामी शंकरपुरी ने काशी की शास्त्रार्थ परंपरा के बारे में बताया।janjaagrukta.com