भाजपा की टिकट- नए दावेदारों की उम्मीदें जगी, दिग्गज नेताओं के उड़े होश
भारतीय जनता पार्टी ने युवा चेहरों पर भरोसा जताया है। इसे लेकर आमजन मानस में अच्छा संदेश है। पुराने नेता असमंजस में हैं।
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रायपुर, जनजागरुकता। छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा इस बार पुराने चेहरों को दरकिनार कर नये पर दांव लगाना चाहती है। इससे भाजपा के पुराने दिग्गज नेता सकते में है। इस बार भाजपा का कोई भी पुराने धाकड़ नेता यह कहने की स्थिति में नहीं है कि उनकी टिकट पक्की है। इस बार भाजपा में टिकट किसे देना है, या नहीं केन्द्रीय चुनाव समिति कर रही है।
टिकट के लिए प्रत्येक विधानसभा का 4 बार गोपनीय सर्वे कराया गया है। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर भाजपा ने 21 प्रत्याशियों की पहली सूची जारी की है जिसमें भाजपा ने युवा चेहरों पर भरोसा जताया गया है। इसका आमजन मानस में अच्छा संदेश गया है ।लेकिन टिकट की आस लगाए बैठे पुराने नेताओं के होश उड़ गए हैं।
नये दावेदारों पर उम्मीदें, हर विस सीट पर गंभीर मंत्रणा
भाजपा की पहली सूची आने के बाद पहली बार नये दावेदारों की उम्मीदें जगी हैं। जिसके चलते भाजपा में दावेदारों की फौज खड़ी हो गई है। इतना ही नहीं भाजपा के युवा नेताओं में उत्साह बढ़ा है। पिछले चुनाव में भाजपा पुराने चेहरों पर दांव लगाने के कारण हारी थी। छत्तीसगढ़ की जनता भाजपा संगठन में हो या फिर 15 साल से बैठे पुराने नेताओं को देखकर ऊब चुके थे। इसी का लाभ कांग्रेस ने उठाया और एकतरफा जीत हासिल की। भाजपा को 15 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा। यह भाजपा के लिए कोई सदमे से कम नहीं था। इस बार भाजपा टिकट देने के मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रही है।इसलिए हर विस सीट पर गंभीर मंत्रणा पार्टी के वरिष्ठ नेता कर रहे हैं।
पहली सूची जारी होते ही बढ़ी खींचतान
छत्तीसगढ़ में भाजपा 21 उम्मीदवारों की सूची जारी होने से अंदरुनी खींचतान बढ़ गई है। भाजपा की पहली सूची को देखकर टिकट की दौड़ में शामिल वरिष्ठ नेताओं का पत्ता साफ होना तय माना जा रहा है। वहीं, दूसरे तरफ नए दावेदारों में जबरदस्त उत्साह देखा जा रहा है। भाजपा की दूसरी लिस्ट सितंबर के पहले सप्ताह में जारी होगी।
नए दावेदारों की सूची लंबी, चयन करना कठिन
हर विधानसभा में नए दावेदारों की फौज को देखकर किसी एक का चुनाव करना भाजपा के लिए काफी कठिन हो गया है। यही कारण है बीजेपी की टिकट के फार्मूले को लेकर अब भी संशय बनी हुई है। भाजपा अपने नेताओं को मायूस नहीं करना चाहती लेकिन फिर भी पहली सूची जारी होते ही पार्टी के बड़े नेताओं में निराशा का माहौल देखा जा रहा है।
रायसुमारी के बाद भाजपा की टिकट ऊपर से
भाजपा ने पहली सूची सर्व आधार पर बांटा गया है। भाजपा ने कार्यकर्ताओं की बैठक ली। इससे कुछ नाराजगी भी फैली, तो अब कार्यकर्ताओं से राय शुमारी की प्रक्रिया जारी है, परंतु इस प्रक्रिया पर कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों को विश्वास नहीं है, क्योंकि टिकट ऊपर से तय की जा रही है। भाजपा संगठन के पदाधिकारी और प्रभारी की नहीं चल रही है, ऐसा संदेश सार्वजनिक हो जाने से इसका गलत असर पार्टी कार्यकर्ताओं में जा रहा है। बिगड़े हुए काम को बनाने की कोशिश में भाजपा कार्यकर्ताओं की राय-शुमारी की कोशिश कर रही है, क्योंकि कार्यकर्ताओं से मिलकर ही पार्टी है।
भाजपा बैकफुट पर खेल रही
भाजपा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की नाकामियों के भरोसे और मोदी के चेहरे के भरोसे सरकार बनाना चाहती है, जो कुछ हद तक नामुमकिन सा लग रहा है। भाजपा मैदान में उतरी ही नहीं है बल्कि बैकफुट पर खेल रही है।
वरिष्ठ नेता अपनी टिकट को लेकर असमंजस में
वहीं, अब चुनाव जीतने के समीकरण के बीच कार्यकर्ताओं की राय-शुमारी के लिए लंबी बैठकें चल रही हैं। इसकी जिम्मेदारी अलग-अलग नेताओं को दी गई है। जिन नेताओं को जिम्मेदारी दी गई है वह बैठक लेकर राय ले रहे हैं। उसके बाद नाम की सूची प्रदेश स्तर के नेताओं को सौंप दी जाएगी। वहीं, चर्चा है कि प्रदेश स्तर पर राष्ट्रीय स्तर की बैठक के बाद नाम तय होगा। अगले सप्ताह भाजपा की एक और सूची आ सकती है। आगे भाजपा किस फार्मूले के तहत छत्तीसगढ़ में टिकट देगी इसको लेकर संशय की स्थिति है। वरिष्ठ नेताओं को टिकट मिलेगी, या नहीं यहां कार्यकर्ताओं से राय ली जा रही है।