बैंकों को लगाया 189.05 करोड़ का चूना

सीबीआई के पास बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने साजिश के तहत लोगों को स्वीकृत ऋण सुविधाओं का गलत इस्तेमाल किया।

बैंकों को लगाया 189.05 करोड़ का चूना


मुंबई, जनजागरुकता डेस्क। दो साल पहले मुंबई केनरा बैंक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के मुख्य महाप्रबंधक पी संतोष ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। उस आधार पर प्रारंभिक जांच में सीबीआई को 189.05 करोड़ रुपए के नुकसान का पता चला।

केंद्रीय जांच ब्यूरो के अनुसार बैंकों के एक संघ को कथित रूप से करोड़ों की राशि का गलत तरीके से चूना लगाया। मामले पर मुंबई की एक आईटी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी के खिलाफ साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार का केस दर्ज किया है।

सीबीआई के पास बैंक ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि कंपनी और उसके निदेशकों ने साजिश के तहत लोगों को स्वीकृत ऋण सुविधाओं का गलत इस्तेमाल किया गया। वहीं जानबूझकर खुद को लाभ पहुंचाने और बैंक को बड़ा नुकसान पहुंचाने के लिए धोखाधड़ी की गई है।

बैंक खातों को ऐसे वर्गीकृत किया गया
बैंक की शिकायत के अनुसार, लोगों के खाते को 2017 में एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया था। इस तरह कंसोर्टियम को 189.05 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। वहीं आरोपी उधारकर्ता कंपनी और अन्य को लाभ हुआ। सीबीआई के अनुसार, 26 नवंबर, 2021 को केनरा बैंक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स के मुख्य महाप्रबंधक पी संतोष की ओर से मामले पर लिखित शिकायत मिली थी।

ऐसे लगाए गए आरोप
सीबीआई के अनुसार आरोप लगाया गया था कि कंपनी, जो व्यापक बुनियादी ढांचा मूल्यांकन और परामर्श प्रदान करती है। वहीं प्रवासन, परियोजना का कार्यान्वयन और बीएसएनएल हॉटस्पॉट परियोजना के लिए कार्यक्रम प्रबंधन, सुरक्षा और सहायक सेवाओं के लिए 189.5 करोड़ रुपये का सावधि ऋण स्वीकृत किया गया था। जिसमें बीएसएनएल पीओपी के माध्यम से राजस्व हिस्सेदारी के आधार पर सार्वजनिक स्थानों पर वाई-फाई हॉटस्पॉट की स्थापना, स्वामित्व और संचालन के लिए, बैंकों के एक संघ से, जिसमें शामिल हैं ई-सिंडिकेट बैंक (अब केनरा बैंक), बैंक ऑफ महाराष्ट्र और ई-विजया बैंक (अब बैंक ऑफ बड़ौदा)।

भारी-भरकम रकम का नुकसान
जांच में बताया गया कि वर्ष 2016 से 2018 की अवधि के दौरान कंपनी और आरोपी व्यक्ति बैंकों के कंसोर्टियम को धोखा देने के लिए एक आपराधिक साजिश में शामिल थे। उस समय आपराधिक साजिश के अनुसरण में आरोपी व्यक्ति ने 189.50 करोड़ रुपये का सावधि ऋण लिया, "सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा।

कंपनी को लाभ हुआ
बैंक की शिकायत के अनुसार, उधारकर्ता के खाते को 2017 में एनपीए के रूप में वर्गीकृत किया गया था और इस तरह कंसोर्टियम को मूल राशि 189.05 करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं आरोपी कंपनी और अन्य को लाभ हुआ।

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