HC का बड़ा फैसला : 18 तहसीलदारों के ट्रांसफर पर रोक..
बता दे कि प्रदेश सरकार ने 13 सितंबर को 49 तहसीलदारों और 51 नायब तहसीलदारों की तबादला सूची जारी की थी, जिसके बाद राज्यभर में इस पर हंगामा खड़ा हो गया था।
बिलासपुर, जनजागरुकता। राजस्व विभाग में हुए तबादलों (transfer) के बाद सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे (Tehsildar Neelmani Dubey) समेत करीब डेढ़ दर्जन तहसीलदारों को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया है। स्टे मिलने के बाद इन अधिकारियों ने तबादलों के खिलाफ आवाज उठानी शुरू कर दी है।
सिमगा तहसीलदार नीलमणि दुबे (Tehsildar Neelmani Dubey) ने तबादला सूची जारी होने पर नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला था। उनके निलंबन के बाद अन्य तहसीलदारों ने भी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसमें लगभग सभी को स्टे मिल गया। प्रदेश में हुए तबादलों में कई खामियां बताई जा रही हैं। कई नायब तहसीलदारों को प्रोबेशन अवधि में ही स्थानांतरित कर दिया गया, और कुछ को नियमों के खिलाफ अल्प अवधि में कई बार तबादला किया गया।
बता दे कि प्रदेश सरकार ने 13 सितंबर को 49 तहसीलदारों और 51 नायब तहसीलदारों की तबादला सूची जारी की थी, जिसके बाद राज्यभर में इस पर हंगामा खड़ा हो गया था। आरोप लगे थे कि इस प्रक्रिया में अनियमितताएं और पैसों का लेनदेन हुआ है। हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद आदेश दिया कि प्रभावित अधिकारी 45 दिनों के भीतर शासन के समक्ष अपना पक्ष रखें, साथ ही सरकार को तबादलों की समीक्षा के लिए एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया है।
हाईकोर्ट से स्टे पाने वाले अधिकारियों में शामिल हैं: अभिषेक राठौर (बिलासपुर), नीलमणि दुबे (बलौदाबाजार), पोखन टोंडरे (बलौदाबाजार), प्रेरणा सिंह (रायपुर), राजकुमार साहू (रायपुर), राकेश देवांगन (रायपुर), जयेंद्र सिंह (रायपुर), प्रियंका (जांजगीर-चांपा), गुरु दत्त पंचभाई (दुर्ग), सरिता मड़रिया (बेमेतरा), दीपक चंद्राकर (बालोद), विपिन बिहारी पटेल (तिल्दा), कमलवती (बिलासपुर), माया अंचल (बिलासपुर) और दीपक चंद्राकर (पलारी)।