यूक्रेन युद्ध पर दुनिया का बड़ा दबाव.. पर पुराने मित्र भारत से संबंध मजबूत करना चाहता है रूस
भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के लिए रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग तथा व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव नई दिल्ली पहुंचे हैं।
नई दिल्ली, जनजागरुकता डेस्क। भारत के साथ हर देश अपना संबंध बनाना चाहता है। वहीं मित्र देश अपने संबंधों को और मजबूती प्रदान करना चाहता है। ऐसा ही रूस भी चाहता है। इसलिए भारत के साथ कारोबार से लेकर रणनीतिक रिश्ते मजबूत करने की ओर ध्यान केंद्रित किया है।
इसी के तहत भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग की बैठक के लिए रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग तथा व्यापार मंत्री डेनिस मंटुरोव नई दिल्ली पहुंचे हैं। भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज रूसी और भारतीय व्यापार के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात की।
बता दें यूक्रेन युद्ध को लेकर रूस भारी दबाव झेल रहा है। इसलिए रूस अपने पुराने मित्र भारत के साथ अनेक रिश्ते मजबूत करना चाहता है। इसी के तहत दोनों देशों के बीच मंगलवार को अंतर-सरकारी आयोग की बैठक चल रही है। जहां देशों में एक-दूसरे के निवेश को बढ़ावा देने और संरक्षण देने वाले बाइलेटरल इनवेस्टमेंट प्रोटेक्शन एग्रीमेंट का प्रस्ताव भी रखेंगे।
मामले पर रूसी उप प्रधानमंत्री ने कहा कि, दोनों देशों के बीच अंतर-सरकारी आयोग यानी IGC विभिन्न विभागों और संगठनों की भागीदारी के साथ सामयिक मुद्दों पर व्यापक चर्चा का यह एक अनूठा तंत्र है।
वहीं मंत्री डेनिस मंटुरोव ने कहा इसके तहत न केवल व्यापार और आर्थिक संबंधों के बारे में बात की जाती, है बल्कि शिक्षा और संस्कृति जैसे मानवीय विकास से जुड़े मुद्दों पर भी बात कर रहे हैं। भारत के साथ मुक्त व्यापार समझौते को जल्द पूरा करने की कवायद में भी जुटे हुए हैं।
निवेश को बढ़ावा देने क्लस्टर प्लेटफॉर्म का विकास
दोनों देशों के बीच व्यापार को सहमति दी जा रही है। प्राथमिकता वाले उत्पादों के विकास और निर्माण, पायलट बैचों के लिए सब्सिडी शामिल है। वहीं अन्य सुविधाओं के लिए इसके जरिए आसान ऋण उपलब्ध होगा। रूसी प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि निवेश को बढ़ावा देने के लिए एक क्लस्टर प्लेटफॉर्म का विकास किया गया है। इसके सहारे संयुक्त परियोजनाओं को लागू करने में मदद मिलेगी।
फार्मास्यूटिकल सेक्टर पर जोर
रूस ने भारत के फार्मास्यूटिकल सेक्टर को अपने यहां बेहतर निवेश सुविधाओं के साथ न्यौता दिया है। दोनों देशों के बाजारों में उत्पादों की पारस्परिक पहुंच बढ़ाने के मुद्दे पर भी खासा जोर है। इसके अलावा दोनों देशों में एक-दूसरे के निवेश को बढ़ावा देने और संरक्षण देने वाले बाइलेटरल इनवेस्टमेंट प्रोटेक्शन एग्रीमेंट का प्रस्ताव भी अंतरसरकारी आयोग की मंगलवार को होने वाली बैठक की मेज पर होगा।